बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयर्गीय द्वारा एक अधिकारी को क्रिकेट के बल्ले से सरेआम पीटने के घटनाक्रम के छह दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार (2 जुलाई) को दी गई नसीहत पर मध्य प्रदेश में राजनीति तेज हो गई। सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने आकाश को बीजेपी से तुरंत निष्कासित किए जाने की मांग की, जबकि बीजेपी ने बल्ला कांड के आरोपी विधायक को लेकर नपा-तुला बयान देते हुए कहा कि मामले में पार्टी नेतृत्व के हर आदेश का पालन किया जायेगा।

सूत्रों ने बताया कि बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने मंगलवार (2 जुलाई) को सख्त लहजे में कहा कि बेटा किसी का भी हो, पार्टी में मनमानी नहीं चलेगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री की स्पष्ट नसीहत के बाद आकाश को पार्टी से बाहर निकालने में बीजेपी को अब देर नहीं करनी चाहिए। वैसे भी बीजेपी विधायक के पिता कैलाश विजयवर्गीय सोमवार (1 जुलाई) को खुद स्वीकार चुके हैं कि उनका बेटा कच्चा खिलाड़ी है।’

उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की नसीहत के बाद बीजेपी की प्रदेश इकाई के नेता आकाश का महिमामंडन बंद करेंगे।’ वहीं पार्टी संगठन के स्तर पर आकाश के खिलाफ किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष और भोपाल की हुजूर सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा ने संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जो भी निर्णय लेता है, उसका सब पालन करते हैं।’

बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के इशारे पर बल्ला कांड में पुलिस और प्रशासन के दुरुपयोग से आकाश के खिलाफ अनुचित कार्रवाई की गई। इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष ने कहा, ‘चूंकि मामला विशेष न्यायालय में लंबित है। लिहाजा इस पर मेरा टिप्पणी करना उचित नहीं है।’ आकाश के जमानत पर जिला जेल से रिहा होने के बाद बीजेपी के स्थानीय कार्यालय में माला पहनाकर उनका स्वागत किए जाने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, ‘मुझे इस स्वागत की जानकारी नहीं है।’