दिल्ली पुलिस की टीम ने शुक्रवार को मेरठ के शुभकामना अस्पताल से एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया। डॉक्टर साहब की गिरफ्तारी देख वहां मौजूद मरीजों में अजीब सी स्थिति पैदा हो गई। पड़ताल में परतें उतरीं तो जो जानकारी सामने आईं उसने हर किसी को हैरान कर दिया। दरअसल जिस डॉक्टर विक्रांत भगत को गिरफ्तार किया गया था। वह एक बहरुपिया औऱ दिल्ली औऱ मुंबई के मोस्ट वांटेड में शुमार है। इस शख्स का असली नाम मनीष कौल है। इस पर दिल्ली में एक महिला से शादी करके 70 लाख ठगने और मुंबई पुलिस पर फायर कर हिरासत से भागने जैसे संगीन आरोप लगे हैं।
मनीष कौल पर दिल्ली के अलावा मुंबई, राजस्थान और हरियाणा में करीब 35 मुकदमें दर्ज हैं। दिल्ली के मोतीनगर थाने में धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था। वहीं दूसरी तरफ किर्ति नगर थाने में पुलिस हिरासत से भागने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली के मोतीनगर में मनीष कौल पर उसी की पत्नी ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। साल 2018 में कीर्ति नगर थाने में हमले का केस दर्ज कराया गया था। इसके अलावा उस पर एमडी की फर्जी डिग्री का केस पहले से ही चल रहा था।
फर्जी डिग्री के ही मामले में पुलिस मनीष को साल 2019 में मुंबई ले गई थी, इसी केस में कौल पुलिस पर फायरिंग करके भागने में कामयाब हो गया था। इसके बाद मौका पाकर वह मेरठ पहुंचा और विक्रांत भगत बनकर एक क्लिनीक चलाने लगा। इसके अलावा वह कई अस्पतालों में भी प्रैक्टिस किया करता था।
इंटरनेट पर पत्नी ने खोज निकाला: मनीष कौल ने दिल्ली में एक डेंटिस्ट से शादी की थी और एक बच्चा भी हुआ था। पत्नी को जब मनीष की फर्जी डिग्री की जानकारी मिली तो तना तनी की स्थिति पैदा हो गई, लेकिन तब तक शातिर 70 लाख रुपये ले चुका था औऱ स्थिति बिगड़ते ही वहां से फरार होकर मेरठ में जिंदगी जीने लगा था। उसने अपना हुलिया भी बदल लिया था। पहले उसके सिर पर कम बाल हुआ करते थे लेकिन अब वह विग का इस्तेमाल करने लगा था। पत्नी ने एक अस्पताल के कार्यक्रम में उसे देखा तो पहचान लिया। इंटरनेट पर मिली सूचना की जानकारी दिल्ली पुलिस को दी, जिसके करीब 15 दिनों के बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
पिता भी कर चुके हैं हेरा फेरी: मनीष के पिता भी डॉक्टर रहे हैं, लेकिन फर्जी डिग्री के आरोप में फंस चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में न सिर्फ अपना नाम बदल लिया था बल्कि अपने बच्चों का नाम भी बदल लिया था। कई अस्पतालों में काम करने के बाद उन्होंने अपना अस्पताल भी खोला था। पिता पुत्र के अपराधों की सूची लंबी हुई तो पिता को जेल भेज दिया गया जबकि बेटा मनीष कौल फरार हो गया था।
हर शहर में नया नाम: मनीष कौल जहां भी गया, वहां उसने अपना नाम बदल लिया। दिल्ली में वरुण कौल बनकर रहा, अंबाला में मनीष कौल के नाम से रहा क्योंकि यह उसका गृह जनपद था। मेरठ में विक्रांत भगत, राजस्थान में आशुतोष मारवा, गोवा में विशेष धीमन और मुंबई में संजीव चड्ढा के नाम से रहा, फिलहाल पुलिस पड़ताल कर रही है कि वह और किन किन शहरों में साजिश रच चुका है।