Rajya Sabha Elections में दगाबाजी करने वाले दो नेताओं पर सोमवार को उनकी पार्टियों ने ऐक्शन लिया है। Communist Party of India Marxist ने पार्टी के निर्देशों का पालन नहीं करने पर राजस्थान के पार्टी विधायक बलवान पूनिया को एक साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पूनिया को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। पूनिया ने कहा है कि वह अपना जवाब पार्टी को दे देंगे।

पार्टी के राज्य सचिव अमराराम ने एक बयान में बताया कि विधायक बलवान पूनियां को राज्यसभा चुनाव में पार्टी अनुशासन भंग कर कार्य करने पर पार्टी सदस्यता से एक वर्ष के लिये तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय किया है। पार्टी के राज्य सचिव मंडल की सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया।

उन्होंने कहा कि सचिव मंडल की बैठक में हाल ही में संपन्न राज्यसभा चुनाव में पार्टी विधायक बलवान पूनिया द्वारा पार्टी अनुशासन भंग कर कार्य करने की भूमिका पर विचार-विमर्श करने के बाद उन्हें पार्टी निर्णय के विपरीत कार्य करने का दोषी मानते हुए पार्टी सदस्यता से एक वर्ष के लिए तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया।

उन्होंने बताया कि उन्हें पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है जिसका जवाब उन्हें सात दिन की अवधि में देना है। वहीं, पूनिया ने संपर्क करने पर कहा कि वह अपना जवाब पार्टी को दे देंगे।

विधायक ने पीटीआई भाषा से कहा,’पार्टी ने मुझे एक साल के लिए निलंबित कर सात दिन में जवाब मांगा है। मैं अपना जवाब पार्टी को दे दूंगा। उन्होंने मेरा आचरण पार्टी निर्देशों का उल्लंघन माना है। कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मेरा समर्थन मांगा था इसलिए मैंने वोट किया। मतदान प्रक्रिया के दौरान मुझे कैसे पता चलता कि भाजपा के दूसरे प्रत्याशी को कितने वोट मिलेंगे।’

पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी संगठन ने राज्य में अपने विधायकों से कहा था कि वे राज्यसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ तभी वोट करें अगर भाजपा के दूसरे प्रत्याशी के जीतने के आसार हों।

माकपा विधायक बलवान पूनिया भादरा ने हालांकि कांग्रेस के प्रत्याशी को वोट डाला जबकि यह लगभग तय था कि कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी आसानी से जीत जाएंगे और भाजपा का दूसरा प्रत्याशी हारेगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार ऐसी स्थिति में पूनिया को वोट नहीं डालना चाहिए था क्योंकि इसकी जरूरत नहीं थी।

इसी बीच, गुजरात में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने और क्रॉस वोटिंग करने के मामले में सोमवार को अपने एकमात्र विधायक कांधल जडेजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

राज्य की चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को हुए मतदान के लिए जडेजा को कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मत देने का निर्देश दिया गया था लेकिन उन्होंने स्पष्ट तौर पर भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया। राकांपा ने पोरबंदर जिले की कुटियाना सीट से विधायक जडेजा को सात दिन के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

गुजरात की राकांपा इकाई के अध्यक्ष जयंत पटेल के हस्ताक्षर वाले नोटिस में कहा गया, ” यद्यपि आपको कांग्रेस उम्मीदवार के लिए मतदान करने को कहा गया था और इसके लिए पार्टी की ओर से व्हिप भी जारी किया गया था, आपने अनुशासनहीनता की और व्हिप का उल्लंघन किया। आपसे सात दिन के भीतर अपनी सफाई प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जाती है। आपके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को लेकर कार्रवाई की जाएगी।”

राकांपा महाराष्ट्र की सरकार और यूपीए में कांग्रेस के साथ गठबंधन सहयोगी है। जडेजा ने खुलेआम कहा था कि वे राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट देंगे। इससे पहले भी वर्ष 2017 में राज्यसभा चुनाव में जडेजा भाजपा के पक्ष में मतदान कर चुके हैं।