Communal Hate Speech Karnataka: हेट स्पीच मामले में कर्नाटक के तुमकुर क्षेत्र की एक जिला अदालत ने दक्षिणपंथी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक नेता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। साथ ही उसकी गिरफ्तारी की जिम्मेदारी पुलिस पर छोड़ दी है। बता दें, 28 जनवरी को तुमकुर क्षेत्र में विहिप नेता पर सांप्रदायिक भाषण देने का आरोप है।
कोर्ट ने 14 फरवरी को विहिप नेता सचिव शरण पंपवेल उर्फ शरण कुमार की अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि मामले की गंभीरता तय करना पुलिस का काम है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि ऐसे अपराध में गिरफ्तारी जरूरी नहीं है। वर्षों की कैद और गिरफ्तारी केवल असाधारण मामलों में ही आवश्यक है।
दक्षिणपंथी हिंदुत्व ग्रुप द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विहिप सचिव शरण पंपवेल उर्फ शरण कुमार ने एक भाषण में दावा किया था कि 2002 में गुजरात में मुसलमानों की हत्या और हाल ही में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक मुस्लिम युवक की हत्या ने हिंदुओं की शक्ति को प्रदर्शित किया। जिसके बाद पंपवेल पर तुमकुर क्षेत्र में शांति भंग करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है।
कोर्ट ने कहा कि वीचपी नेता को गिरफ्तार करना या नहीं, यह पुलिस पर निर्भर
तुमकुर शहर की पुलिस ने सैयद बुरहानुद्दीन की शिकायत के आधार पर 30 जनवरी को अपमानजनक धार्मिक भावनाओं के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 ए के तहत एफआईआर दर्ज की थी। कोर्ट ने कहा है कि धारा 295ए के तहत तीन साल की कैद होती है। कोर्ट ने कहा, “अगर जमानत दी जाती है तो सार्वजनिक शांति को नष्ट करने के लिए भाषण देने की संभावना है। कोर्ट ने कहा कि यह तुमकुर पुलिस को तय करना है कि वीएचपी के कार्यकर्ता को बयान देने के बाद उसे गिरफ्तार करने की जरूरत है या नहीं।’
पंपवेल ने 28 जनवरी को दावा किया था कि 26 जुलाई को भाजपा के युवा नेता प्रवीण नेतरू की हत्या का बदला लेने के लिए पिछले साल 28 जुलाई को सुरथकल में एक मुस्लिम युवक (मोहम्मद फाजिल) की हत्या कर दी गई थी और 2002 में गुजरात में मुसलमानों की हत्या का कारण 59 कारसेवकों को ट्रेन में आग लगाकर मौत का मामला था।
उन्होंने वीएचपी और बजरंग दल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया था कि प्रवीण नेतारू की हत्या के जवाब में सूरतकल में युवकों ने एक व्यक्ति को सुनसान जगह पर नहीं, बल्कि खुले बाजार में मार डाला। यह हिंदू युवाओं की शक्ति है। पंपवेल ने बैठक में कहा कि 59 कारसेवक मारे गए, लेकिन बदला लेने के लिए (गुजरात में) मारे गए लोगों की संख्या अभी भी उपलब्ध नहीं है। अनुमान है कि लगभग 2,000 लोग मारे गए थे। यह हिंदुओं की बहादुरी है। भाषण के दो दिन बाद एक सामाजिक कार्यकर्ता बुरहानुद्दीन द्वारा घटना की शिकायत दर्ज कराई गई। प्राथमिकी में कहा गया है कि पम्पवेल ने दावा किया है कि कर्नाटक में हिंदुत्व कार्यकर्ता हिंदू धर्म की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।