19 साल की एक लड़की ने भारत से अबूधाबी जाकर इस्लाम धर्म अपना लिया। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे की वह आतंकी संगठन जॉइन करने गई है। आखिरकार लड़की ने तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि वह अपने प्यार के लिए गई है न कि आतंकवाद से जुड़ने के लिए। कियानी बिन्नी के पैरेंट्स ने दिल्ली पुलिस को शिकायत की थी कि उनकी बेटी लापता हो गई है।

दोस्तों ने चीफ जस्टिस के समक्ष लगाई याचिकाः पैरेंट्स ने दावा किया था कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है, जबकि उसके कॉलेज के साथियों ने चीफ जस्टिस के समक्ष याचिका लगाई थी। याचिका में कहा गया था, ‘दुनियाभर में तबाही मचाने वालों ने एक भारतीय नागरिक का अपहरण कर लिया गया है।’ बिन्नी (अब ऐशा) ने रविवार को गल्फ न्यूज से कहा, ‘यह सच नहीं है। मैं खुद की इच्छा से अबूधाबी आई हूं, मुझ पर किसी का दबाव नहीं था। मैं वयस्क हूं और अपने फैसले खुद ले सकती हूं।’

शादी तक पहुंची सोशल मीडिया की दोस्तीः बिन्नी ने 18 सितंबर को सुबह 11 बजे तक क्लास अटैंड की थी। उसी दिन दोपहर के समय उसने करीब पौने 3 बजे एक भारतीय शख्स से शादी करने के लिए अबूधाबी की फ्लाइट पकड़ी। दोनों की मुलाकात सोशल मीडिया पर करीब नौ महीने पहले हुई थी। युवती के पैरेंट्स मूलरूप से केरल के कोझिकोड के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें डर लग रहा है, हमारी बेटी को किसी ने भटका दिया है और उसे इस्लामिक स्टेट्स जैसे आतंकी संगठन जॉइन करने के लिए प्रेरित किया गया है, उसे गुलाम बनाया जा सकता है।’

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दूतावास में भी कहा- वापस नहीं जाऊंगीः शनिवार (28 सितंबर) को एक बयान जारी करते हुए बिन्नी ने कहा कि उसने 24 सितंबर को अपनी इच्छा से अबूधाबी की कोर्ट में इस्लाम कबूल कर लिया है। उसने भारतीय गृह मंत्रालय, अल्पसंख्यक आयोग, केरल और दिल्ली के मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए पत्र भी लिखा है। उसने कहा, ‘हमारा संविधान सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता देता है। मुझे भारतीय दूतावास में बुलाया गया था और मैंने वहां कह दिया है कि मैं वापस नहीं जाना चाहती हूं। मैं सरकार से निवेदन करती हूं मुझे लेकर फर्जी खबरें चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।’