यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब से सक्रिय राजनीति में आये, तब से ही वो सुर्ख़ियों में बने रहे। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता चरम पर पहुँच गई और पूरे देश में उनके फैसले चर्चा का विषय बने रहते हैं। आज के सीएम योगी जब अजय सिंह बिष्ट हुआ करते थे, तब भी उनकी ज़िंदगी किसी दिलचस्प नॉवेल से कम नहीं थी।
अपनी बड़ी बहन के साथ योगी आदित्यनाथ के रिश्ते बड़े गहरे थे। जब योगी पहली बार यूपी के सीएम बनें तब एक इंटरव्यू में उनकी बड़ी बहन शशि ने बताया था कि करीब 31 साल पहले जब मेरी शादी होने वाली थी, तब महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) ही मेरे लिए डोली लाए थे। मगर अब मुझे याद भी नहीं है कि आखिरी बार महाराज को राखी कभी बांधी थी। हालांकि हर बार राखी जरूर भेजती हूं।
शांतनु गुप्ता ने अपनी किताब योगी गाथा में लिखा है कि सीएम योगी की बहन शशि के अनुसार, “योगी जब 15-16 साल के थे तब उन्होंने पिता जी से कहा था कि क्या पिता जी आप तो अपना ही परिवार पालते हो, कभी जनता की सेवा भी कर लिया करो। तब पिता जी ने उनसे कहा था कि बेटा मेरी तो 85 रुपये की तनख्वाह है। मैं तो तुमको पाल लूं वही बहुत है। फिर आगे पिता जी ने बोला था कि देखता हूं तू क्या करता है?”
महंत अवैधनाथ से योगी आदित्यनाथ की पहली मुलाकात 1993 में हुई थी। एक इंटरव्यू के दौरान सीएम योगी की बहन ने बताया था, “जब भाई कॉलेज में पढ़ रहा था, तब एक कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ आयें थे। यहीं भाई ने उनसे मुलाकात की थी। उस कार्यक्रम में भाई ने भाषण दिया था, जिसे सुनकर महंत जी खुश हो गए थे और उन्होंने गोरखपुर बुला लिया था। महंत जी ने भाई से कहा था कि तुम मेरे उत्तराधिकारी बन जाओ, लेकिन पहले परिवार से पूछकर आओ। तब वो घर आए और अपनी मां से उन्होंने गोरखपुर जाने के लिए कहा। तब मां ने सोचा कि नौकरी करने के लिए जा रहे होंगे। लेकिन किसी को नहीं मालूम था कि वो संत बन जाएंगे।”
बाद में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद बनते हैं और फिर 2017 में योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते हैं।2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत हासिल होता है और योगी दोबारा सीएम बनते हैं।