Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर जल्द ही बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन अधिकारियों की सूची मांगी है जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की शिकायतें सुनने और समाधान करने से इनकार कर दिया था।
नौकरशाहों के खिलाफ कदम: सीएम योगी अब उन अधिकारियों के खिलाफ एक्शन मोड में नजर आएंगे जो शिकायतों के बावजूद मसलों को हल न करने के साथ ही काम में लापरवाही करते हैं। यह पहला मौका है कि जब मुख्यमंत्री योगी ने खुले तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं की मांगों के चलते नौकरशाहों के खिलाफ कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश तब दिया है जब बुधवार (17 अगस्त 2022) की शाम सहारनपुर में पुलिस लाइन में विधायकों और स्थानीय नेताओं के साथ बैठक के बाद भाजपा के कुछ नेताओं ने योगी आदित्यनाथ से अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की थी।
सहारनपुर के बीजेपी नेताओं ने बताया कि जिले के कुछ अधिकारियों ने उनकी शिकायतें नहीं सुनी हैं जिसके कारण सार्वजनिक कार्य बाधित हो रहा है। इस मसले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “ऐसे अधिकारियों की सूची उन्हें उपलब्ध कराई जाए। किसी भी पार्टी या व्यक्ति का काम अगर जायज है तो किया जाना चाहिए।”
सिफारिश की जरूरत नहीं: सीएम योगी ने कहा, “किसी भी बीजेपी कार्यकर्ता को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे किसी सिफारिश की जरूरत है। वह हेल्पलाइन नंबर डायल कर सकता है, मुख्यमंत्री के पोर्टल पर लिख सकता है और अगर उसकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वह सीधे मुझे लिख सकता है।” सीएम के दिए गए निर्देशों को लेकर सहारनपुर में बीजेपी के एक नेता ने कहा, “मुख्यमंत्री ने पहली बार हमारी भावनाओं को शांत किया है। हमें विश्वास है कि नौकरशाहों को संदेश मिलने से अब सभी अधिकारी पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायतों को दूर करना शुरू कर देंगे।”
भाजपा के एक नेता ने कहा, “इंस्पेक्टर, एसएचओ, डिप्टी एसपी किसी भी मुद्दे पर ध्यान नहीं देते हैं जो हम उनके पास ले जाते हैं। यह न केवल हमारे लिए अपमानजनक है, बल्कि उन लोगों के लिए भी परेशान करने वाला है जिनकी शिकायतों को नहीं लिया जाता है। हमें खुशी है कि मुख्यमंत्री ने आखिरकार प्रतिक्रिया दी है।”