कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलेट पेपर से स्थानीय निकाय चुनाव कराने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया है। सिद्धारमैया ने शनिवार को सवाल किया कि बीजेपी इससे इतनी डरी हुई क्यों है?

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य चुनाव आयोग से राज्य में भविष्य में होने वाले सभी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से कराने की सिफारिश करने का फैसला किया।

सिद्धारमैया ने सवाल किया, “अमेरिका समेत कई देश बैलेट पेपर का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या वे पाषाण युग में वापस चले गए हैं? वे बैलेट पेपर से क्यों डरते हैं?”

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सिद्धारमैया भाजपा द्वारा उनकी सरकार के बैलेट पेपर का उपयोग करने के फैसले की तुलना ‘पाषाण युग’ में वापसी से करने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। सिद्धारमैया ने पत्रकारों से कहा, ”यह कहना ठीक नहीं है कि बैलेट पेपर के उपयोग से हम पाषाण युग में लौट जाएंगे।”

सिद्धारमैया ने कहा, ”हम अपने अनुभव के आधार पर कह रहे हैं कि चुनावों में बहुत अन्याय हो रहा है। मतदाता सूची को लेकर कई समस्याएं हैं। राहुल गांधी बिहार में इसके खिलाफ लड़ रहे हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस किस तरह से हारी थी।”

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बैलेट पेपर पर वापस लौटने के निर्णय के पीछे कारण बताया है कि लोगों के बीच ईवीएम की विश्वसनीयता गिरी है।

राहुल ने लगाया था आरोप

राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बेंगलुरु सेंट्रल सीट में आने वाली महादेवपुरा विधानसभा सीट में वोटों की चोरी हुई थी। उन्होंने कहा था कि इस विधानसभा सीट पर अवैध रूप से बीजेपी को 1,00,250 वोट मिले और इसी वजह से वह लोकसभा चुनाव में बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर चुनाव जीत गई थी।

राहुल गांधी वोट चोरी का आरोप लगाकर चुनाव आयोग को भी कठघरे में खड़ा कर चुके हैं। Special Intensive Revision (SIR) के खिलाफ हाल ही में उन्होंने महागठबंधन के नेताओं के साथ बिहार के 25 जिलों में वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी।

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