पश्चिम बंगाल सरकार ने ऐलान किया है कि अब वह सरकारी स्कूलों और मदरसों में पढ़ने वाले 12वीं कक्षा में के छात्रों को टैबलेट देने की जगह उनके अकाउंट में 10 हजार रुपए डालेगी, जिससे वे पढ़ाई के लिए टैबलेट या स्मार्टफोन खरीद सकते हैं। बताया गया है कि सीएम ममता बनर्जी ने खुद 9.5 लाख बच्चों के अकाउंट में पैसे डालने का आदेश दिया है।
राज्य सचिवालय से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “हमने टैबलेट मुहैया कराने के लिए टेंडर से आवेदन मंगाए थे, पर चूंकि केंद्र सरकार ने चीन से बने उत्पादों पर रोक लगा रखी है, और हमें दूसरे ब्रांड्स की तरफ देखना था, इसलिए किसी ने भी इतनी बड़ी संख्या में टैबलेट सप्लाई करने की हामी नहीं भरी।” सीएम ने कहा कि इसी के चलते हमने अगले तीन हफ्तों के अंदर 10 हजार रुपए सीधे सरकारी स्कूलों और मदरसा छात्रों के अकाउंट में डालने का फैसला किया है।
सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक, स्कूल शिक्षा विभाग ने कई टैबलेट उत्पादन करने वाली कंपनियों से बात की, पर इससे फायदा नहीं हुआ। सभी का कहना था कि वे हर हफ्ते 20 हजार से 30 हजार टैबलेट ही सप्लाई कर सकते हैं। लेकिन यह काफी समय खर्च करने वाली प्रक्रिया होगी। इसलिए सरकार ने पैसे सीधे छात्रों के अकाउंट में डालने का फैसला किया।
विभाग के मुताबिक, उन्हें पता चला कि स्मार्टफोन की बढ़ती मांग की वजह से ज्यादातर कंपनियों ने टैबलेट का निर्माण कम कर दिया था। इसलिए सरकार ने छात्रों की मर्जी पर स्मार्टफोन या फैबलेट खरीदने की छूट दी है। एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों के अकाउंट में पैसे डालने के साथ ही ऐसे कुछ नियम-कायदे होंगे, जिनसे इसकी पुष्टि हो कि उन्होंने रकम को स्मार्टफोन या टैबलेट खरीदने में ही खर्च किया है।
बता दें कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से ज्यादातर छात्रों को ऑनलाइन क्लास के भरोसे ही रहना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार ने फैसला किया था कि वह छात्रों को टैबलेट मुहैया कराएगी। बंगाल में ज्यादातर ग्रामीण परिवारों के पास या तो एक हैंडसेट है, या कई लोगों के पास तो ऐसे फोन ही नहीं हैं, जिनसे ऑनलाइन क्लास की जा सके।