पश्चिम बंगाल में इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा की एंट्री ने मुकाबले को काफी दिलचस्प बना दिया है। जहां तृणमूल कांग्रेस लगातार 10 सालों के शासन का रिकॉर्ड देखकर वोट करने की बात कह रही है, वहीं भाजपा ने लोगों को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से लेकर सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। हालांकि, भाजपा नेताओं के तीखे बयान से ममता बनर्जी नाराज हो गई हैं। उन्होंने मोदी को नसीहत देते हुए कहा है कि पहले पीएम को अपने गृह मंत्री को नियंत्रित करना चाहिए, उसके बाद हमें कंट्रोल करने की कोशिश करें।

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में रैली के दौरान ममता बनर्जी ने पीएम को जवाब देते हुए कहा कि मैं नंदीग्राम से जरूर जीतूंगी। चिंता करने की जरूरत नहीं है। दरअसल, मोदी ने एक दिन पहले ही बंगाल में एक रैली में कहा था कि ममता बनर्जी नंदीग्राम में हार सकती हैं, इसलिए अफवाह है कि वे किसी दूसरी सीट पर चुनाव लड़ने वाली हैं। भाजपा के कुछ नेताओं ने तो यहां तक कहा है कि ममता सातवें और आठवें फेज के लिए नामांकन दाखिल कर सकती हैं।

महुआ मोइत्रा ने भी साधा पीएम पर निशाना: दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस से सांसद महुआ मोइत्रा ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। मोइत्रा ने मोदी के ‘दीदी ओ दीदी’ वाले बयान पर कहा कि बंगाल में कुछ लोग होते हैं, जिन्हें ‘रौकेर छेले’ (आवारा लड़के) कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है वे लड़के, जो सड़क किनारे बैठकर आती-जाती हर महिला को ‘दीदी ए दीदी’ कहकर पुकारते हैं। प्रधानमंत्री भी वही काम कर रहे हैं।’

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लाखों लोगों के बीच दीदी पर निशाना साधते हैं। वो ‘दीदी ओ दीदी’ कहकर ममता को पुकारते हैं। यह कहां तक सही है। क्या वो अपनी मां के लिए ऐसा बोलेंगे? अपनी बहन के लिए बोलेंगे? अपनी परित्यक्त पत्नी के लिए बोलेंगे? एक प्रधानमंत्री एक राज्य की सीएम के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करे, ये उन्हें शोभा नहीं देता।

क्या बोले थे पीएम मोदी?: बता दें कि पीएम मोदी ने बंगाल के जयनगर में महुआ मोइत्रा के उस बयान पर निशाना साधा था, जिसमें तृणमूल सांसद ने चोटीवाले राक्षस शब्द का जिक्र किया था। मोदी ने इसी को लेकर ममता बनर्जी से सवाल पूछते हुए कहा, “दीदी को अब भगवा कपड़ों से दिक्कत है और उनके लोग चोटीवालों को राक्षस कहते हैं।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “दीदी…ओ दीदी, अगर आप किसी को खुश करना चाहती हैं, तो आपका पूरा अधिकार है। आप मुझे गाली देना चाहती हैं, देती रहिए। लेकिन मैं आपको लोगों की आस्था और रामकृष्ण परमहंस, चैतन्य महाप्रभु और स्वामी विवेकानंद की पहचान को गाली देने नहीं दूंगा।”