विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी कांग्रेस शायद अब अपनी विरोधी भारतीय जनता पार्टी से सीखकर सत्ता हासिल के रास्ते पर आना चाहती है। भाजपा की राह पर चलते हुए कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग कराना चाहती है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के चीफ भूपेश बघेल को यह सलाह उनके एक दोस्त ने दी है। जिस पर वह सीरियन नहीं थे। लेकिन बाद में इस बात पर अमल करते हुए बघेल ने कहा, मैं 35 साल से कांग्रेस के साथ हूं। लेकिन आज तक कोई ट्रेनिंग नहीं ली। आखिरकार बिना मन ही सही लेकिन बघेन इस काम के लिए राजी हो गए हैं।
बीते साल जून में रायपुर में एक हॉल ऐसी ही ट्रेनिंग के लिए बुक किया गया था। जिसमें 200 बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग मिलनी थी। इसमें चार विषयों पर जोर दिया गया। जिनमें कांग्रेस की उपलब्धियां, आईडियोलॉजी, बीजेपी का ‘सच’ और बूथ लेवल मैनेजमेंट। इसके साथ सोशल मीडिया पर भी जोर दिया गया था। कांग्रेस के पोल कंसल्टेंट विनोद वर्मा ने कहा कि यह सत्र करीब 7 घंटे चला था।
उन्होंने कहा, इस तरह के ट्रेनिंग सत्र राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 87 पर कराए गए थे। ट्रेनिंग का यह विचार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी खूब भाया था। इसके लिए पिछले साल वह खुद बस्तर में एक ट्रेनिंग सेशन अटेंड करने गए थे। इसके बाद आए नतीजों से बघेल भी उत्साहित थे। फिर उन्होंने बीजेपी की इस राह पर चलना बेहतर समझा। इसी राह पर बीजेपी लंबे अरसे से चलती आ रही है और अब कांग्रेस इसी को पकड़कर उसे हराना चाहती है। दावा किया जा रहा है कि राज्य की 23,411 पोलिंग बूथ में से 22000 पर इनकी यूनिट हैं।
भाजपा की राह पर चलने के लिए कांग्रेस ने पूरा खाका खींच रखा है। पार्टी की एक यूनिट 100 से 125 परिवारों को कवर करेगी। हर यूनिट में एक महिला, एक युवा और एक अनुभवी कार्यकर्ता शामिल होगा। यह तरीका बिल्कुल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पन्ना प्रमुख कानसेप्ट की तरह है। इसमें वह हर पन्ने के लिए एक इंचार्ज तैनात करते हैं।