तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के बाहर एक रेलवे स्टेशन के पास ओडिशा के एक प्रवासी मजदूर पर बेरहमी से हमला किया गया। इस हमले को हमलावरों ने फिल्माया और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया। पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। यह हमला 27 दिसंबर की शाम को तिरुवल्लूर जिले के तिरुत्तानी रेलवे स्टेशन के पास हुआ।

4 लड़कों ने किया था हमला

पुलिस के अनुसार पीड़ित सूरज 24 साल का है और उसपर 17 साल के चार लड़कों के एक ग्रुप ने चाकुओं से हमला किया। हमलावरों ने अपने मोबाइल फोन पर हमले को फिल्माया और बाद में फुटेज को इंस्टाग्राम रील के तौर पर अपलोड किया। एक आरोपी घायल आदमी के बगल में पोज़ देते हुए और जीत का निशान दिखाते हुए दिख रहा था।

मजदूर को आई गंभीर चोट

ओडिशा के रहने वाले पीड़ित प्रवासी मजदूर को सिर, चेहरे और बाएं हाथ में चोटें आईं और उसे तिरुवल्लूर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने बताया कि घटना के कुछ ही घंटों के भीतर आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। चारों को तिरुवल्लूर में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया। उनमें से तीन को चेंगलपट्टू जुवेनाइल रिफॉर्मेशन स्कूल भेज दिया गया, जबकि चौथे (जो एक छात्र था) को अदालत द्वारा उसकी शैक्षिक स्थिति पर ध्यान देने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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पुलिस ने क्या कहा?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ग्रुप ने कथित तौर पर बिना किसी उकसावे के पीड़ित पर हमला किया और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट करने के लिए हमले को रिकॉर्ड किया। एक अधिकारी ने कहा, “सभी आरोपी गांजे के नशे में थे। किसी भी तरह की निजी दुश्मनी की कोई रिपोर्ट नहीं है।” इस घटना की सभी राजनीतिक दल निंदा कर रहे हैं। शिवगंगा से कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने तत्काल राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की।

कार्ति चिदंबरम ने की कार्रवाई की मांग

कार्ति चिदंबरम ने X पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं अपनी पिछली मांग दोहराता हूं। तमिलनाडु पुलिस के लिए अपनी काबिलियत साबित करने का समय आ गया है। तत्काल एक राज्यव्यापी ‘शक्ति प्रदर्शन’ अभियान की आवश्यकता है। सभी वाहनों की बड़े पैमाने पर चेकिंग और पहचान वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। हिस्ट्री-शीटरों को नियमित रूप से पुलिस स्टेशनों में रिपोर्ट करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।”

विपक्ष के निशाने पर स्टालिन सरकार

विपक्ष ने इस घटना को राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति से जोड़ा। AIADMK नेता कोवई सत्यन ने सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पर नशीली दवाओं के इस्तेमाल और हिंसक अपराधों पर लगाम लगाने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह युवाओं में नशीली दवाओं के फैलने का नतीजा है। तमिलनाडु ड्रग्स और हिंसा का केंद्र बनता जा रहा है। इन अपराधियों को किशोरों के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।” सत्ताधारी DMK ने आलोचना को सिरे खारिज कर दिया। पार्टी के प्रवक्ता टी.के.एस. एलांगोवन ने इस हमले को एक अलग आपराधिक घटना बताया और कहा कि पुलिस की तेज़ी से की गई कार्रवाई ने सिस्टम की जवाबदेही दिखाई है।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आगे की जांच चल रही है, जिसमें वीडियो सर्कुलेट करने के लिए इस्तेमाल किए गए सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जांच शामिल है। इस मामले ने किशोर अपराध, ऑनलाइन हिंसा का महिमामंडन और तमिलनाडु के इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। (यह भी पढ़ें: भीड़ ने बांग्लादेशी होने का आरोप लगाकर पीट-पीटकर मार डाला)