कांग्रेस ने मंगलवार (3 मई) को राज्यसभा में सरकार पर आरोप लगाया कि वह जिस टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता का श्रेय ले रही है, वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदमों की देन है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार को कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे रोगों से निपटने की दिशा में विशेष ध्यान देना चाहिए जबकि कई दलों के सदस्यों ने नागरिकों के बुनियादी स्वास्थ्य कारकों के आधार पर कार्ड बनवाए जाने की जरूरत पर बल दिया।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने उच्च सदन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता का श्रेय ले रही है। उन्होंने कहा कि इसका असली कारण पूर्ववर्ती संप्रग प्रथम एवं द्वितीय सरकारों के शासनकाल में उठाए गए विभिन्न कदम हैं। उन्होंने कहा कि मैटरनल एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से पिछली सरकार ने टीकाकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था। इसके तहत 10.5 करोड़ महिलाओं और बच्चों को पंजीकृत किया गया और उन्हें दिए जाने वाले टीकों पर नियमित रूप से निगरानी रखी जाती थी। इससे राष्ट्रीय टीकाकरण में काफी मदद मिली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार को बीमा योजना के बजाय गरीबों को मुफ्त सुविधाएं मुहैया कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि बीमा योजना दूरस्थ गांवों में रहने वाले लोगों को कवर नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि यह हर कोई जानता है कि मरीज का असली बिल क्या होता है और जब बीमे की बात हो तो बिल कितना बनाया जाता है।

आजाद ने कहा कि ब्रिटेन और अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्रियों ने भारतीय प्रणाली का अध्ययन करने के लिए उनसे संपर्क किया था क्योंकि उनके देशों में बीमा योजनाएं नाकाम रही हैं। ‘जब यह ब्रिटेन या अमेरिका में सफल नहीं हुई तो यह भारत में कैसे सफल हो सकती है।’ आजाद ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से 18 साल से कम उम्र के बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी जांच की परिकल्पना की गई थी। इस योजना को लागू करने के पहले वर्ष में साढ़े तीन करोड़ बच्चों की जांच की गई थी। सदन में विपक्ष के नेता ने आने वाले वर्षों में मधुमेह, कैंसर और उच्च रक्तचाप को भारत के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि उसने इनसे निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं। उन्होंने जानना चाहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हरियाणा के झझ्झर में जिस राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की आधारशिला रखी थी, उस परियोजना में कितनी प्रगति हुई है।

स्वास्थ्य क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि उसके सत्ता में आने के बाद से पिछले दो वर्षों में देश में कितने अस्पताल, मेडिकल कॉलेज खुले हैं तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं में कितना विकास हुआ है। भाजपा के रंगासायी रामकृष्णन ने आम बजट में 3000 नए जन औषधि स्टोरों को खोले जाने के कदम की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि देश में जेनेरिक दवाइयों की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने एक उदाहरण दे कर बताया कि एक कैंसर रोगी के लिए एक बड़े ब्रांड की दवा खरीदने पर महीने में सवा दो लाख रुपये का खर्च आता था जबकि एक स्थानीय कंपनी ने जो दवा बनाई उससे यह खर्च लगभग 8000 रुपए आता है।