बिहार में एक बड़ी आबादी की जीवन रेखा मानी जाने वाली गंगा नदी पर बने करीब छह किलोमीटर लंबे ‘महात्मा गांधी सेतु’ की खस्ता हालत और कई सालों से इसकी मरम्मत का काम जारी रहने के बीच बिहार को विशेष पैकेज के तहत इसकी मरम्मत के लिए केंद्र 1800 करोड़ रुपए आबंटित कर रहा है। बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों के लिए बिहार पैकेज दिया है और इस पर अमल किया जा रहा है। यह विभिन्न चरणों में है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु से जुड़ी परियोजना को ठीक ढंग से लागू करना है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस पुल की मरम्मत के लिए 1800 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। केंद्र कोष आबंटित करेगा और बिहार सरकार मरम्मत का काम करेगी। इस पैकेज के तहत महात्मा गांधी सेतु के समांतर गंगा नदी पर चार लेन के नए पुल के निर्माण के लिए 5000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।

गांधी सेतु के मरम्मत कार्य पर पिछले एक दशक में करीब 115 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं और अभी भी इसकी मरम्मत का काम जारी है। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार 2005-06 से 2014-15 के दौरान पटना के पास गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु के मरम्मत के लिए करीब 192 करोड़ रुपए आबंंटित किए गए। इसमें से करीब 115 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। करीब छह किलोमीटर लंबा गांधी सेतु 1982 में बना था। तब इसके निर्माण पर 82 करोड़ रुपए खर्च आया था। एक दशक में इसकी मरम्मत पर 115 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है।

महात्मा गांधी सेतु के पुनर्निर्माण की काफी समय से मांग की जा रही है। हाल में प्रदेश सरकार ने गांधी सेतु के समांतर एक अन्य पुल के निर्माण की घोषणा की है। आरटीआइ के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार 2013-14 में गांधी सेतु की मरम्मत के लिए 22.72 करोड़ रुपए आबंटित किए गए। पुल के खंभा संख्या 44 के सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 2012 में 33.56 करोड़ रुपए आबंटित किए गए। अब तक 4.67 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और काम जारी है।

मिली जानकारी के अनुसार 2012 में पुल के कुछ अन्य खंभों के मरम्मत के लिए 29.39 करोड़ रुपए आबंटित किए गए थे। इसमें से अब तक 16.47 करोड़ खर्च हो चुके हैं और मरम्मत का काम अभी जारी है। 2010 में पुल की मरम्मत के लिए 23.81 करोड़ रुपए आबंटित किए गए और 22.52 करोड़ खर्च हुए। 2009 में 13.71 करोड़ रुपए आबंटित हुए और 11.27 करोड़ खर्च हुए। 2009 में ही अलग-अलग मदों में करीब 73 करोड़ रुपए आबंटित हुए और 64 करोड़ खर्च हुए। 2008 में गांधी सेतु के लिए 13.39 करोड़ रुपए आबंटित हुए और 11.64 करोड़ खर्च हुए। 2007 में इसकी मरम्मत के लिए 1.32 करोड़ रुपए और 1.58 करोड़ रुपए आबंटित हुए और 1.14 करोड़ रुपए व 1.20 करोड़ रुपए खर्च हुए। 2006 में इसके लिए 70 लाख रुपए आबंटित हुए और 41 लाख खर्च हुए। 2005 में गांधी इसकी मरम्मत के लिए 2.56 करोड़ रुपए आबंटित हुए और 2.05 करोड़ खर्च हुए।