इसी साल हुए सीबीएसई के दो पेपर लीक मामले पर क्राइम ब्रांच ने 10 आरोपियों के खिलाफ अपनी फाइल कोर्ट को सौंप दी है। यह रिपोर्ट 10वीं क्लास के मैथ्स और 12वीं क्लास के इकनॉमिक्स के पेपर लीक की जांच से जुड़ी है। जिसमें पुलिस ने 482 पेज की चार्जशीट में 10 आरोपियों के खिलाफ 78 गवाह पेश किए हैं। डीसीपी नायक की टीम को 12वीं के पेपर लीक की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। ये मुद्दा एक एनजीओ के जरिए हाईकोर्ट भी पहुंचा था।
कहां से शुरू हुआ पेपर लीक होना
पुलिस ने चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (ईस्ट) की कोर्ट में आईपीसी के तहत सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वासघात, धोखाधड़ी, सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश के आरोपों में ये चार्जशीट दायर की। डीसीपी, क्राइम ब्रांच राम गोपाल नायक ने इस बात की पुष्टि की। राम गोपाल नायक बताया कि जांच में आरोपियों द्वारा दो तरह से पेपर लीक किए जाने का पता चला जिसमें हैंडरिटन और प्रींटिंग शामिल है। वहीं दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित मदरखगसा नाम के स्कूल से ये लीकेज शुरू हुआ। इसके साथ ही राम गोपाल नायक ने बताया कि आरोपियों का इरादा पेपर होने से पहले इसे सर्कुलेट करने का था। आपको बता दें कि डीसीपी नायक की टीम को 12वीं के पेपर लीक की जांच का जिम्मा सौंपा गया था लेकिन बाद में उन्हीं की टीम ने दोनों मामलों की जांच की।
लड़की की मदद के लिए किया पेपर लीक
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक एक लड़की स्टूडेंट की मदद के लिए हिमाचल प्रदेश के ऊना से 12वीं क्लास के इकनॉमिक्स का पेपर लीक हुआ। वहीं बाद में पेपर व्हाट्सएप पर शेयर किया गया। पुलिस ने हाथ से लिखे गए नोट्स, प्रश्न पत्र और शेयर किए गए फोन को सबूत के रूप में पेश किया है।
कौन है आरोपी टीचर
टीचर राकेश कुमार ने एक लड़की की मदद के लिए पेपर लीक किया। उसने जुगाड़ करके पेपर जुगाड़ लिया और पेपर घर ले आया। उसके बाद उसने लड़की को घर बुलाया और उसे पेपर लिखवाया। इसके बाद उसने पेपर की फोटो क्लिक करके शेयर कर दी। चूंकि राकेश के पास पेपर्स का एक्सेस था इसलिए उसने फिरोजपुर में एक महिला रिश्तेदार की मदद के लिए कक्षा 10वीं का पेपर भी निकाल लिया।
हाईकोर्ट ने नहीं मानी मांग
एक एनजीओ के जरिए ये मुद्दा हाईकोर्ट भी पहुंचा था। पेपर लीक की वजह से 28 लाख स्टूडेंट्स की परेशानियों को हाईकोर्ट के सामने रखते हुए एनजीओ मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया।
12वीं का पेपर हुआ दोबारा
सीबीएसई ने अपनी जांच के बाद 10वीं के मैथ्स का पेपर दोबारा नहीं कराया लेकिन 12वीं क्लास के इकनॉमिक्स के पेपर को दोबारा से लिया था।