West Bengal: पश्चिम बंगाल में चिटफंड के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई एक्शन में है। सीबीआई ने 4 सितंबर, रविवार को टीएमसी विधायक सुबोध अधिकारी समेत 6 ठिकानों पर छापेमारी की है। बता दें कि सुबोध अधिकारी बीजपुर विधानसभा से टीएमसी विधायक हैं। इसके अलावा सीबीआई की टीम ने सुबोध अधिकारी के भाई और कांचरापाड़ा नगर पालिका के अध्यक्ष कमल अधिकारी के घर पर भी छापेमारी की है।
बता दें कि रविवार सुबह से कुल छह टीमें उत्तर 24 परगना के हलीशहर और कांचरापाड़ा में छापेमारी कर रही हैं। इसमें कांचरापाड़ा के नगर पार्षद वार्ड नंबर 1 झुंपा सिंह के घर के साथ राजू साहनी के भी अन्य जगहों पर छापेमारी कर रही है।
सीबीआई की छापेमारी को लेकर टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, “सीबीआई अपना काम कर रही है। हम अपना काम करेंगे। इस मामले में सीबीआई अभी तक कुछ साबित नहीं कर पाई है और सिर्फ इधर-उधर छापेमारी करके एक-दूसरे को गिरफ्तार कर रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों, सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल करके भाजपा राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करना चाहती है। उनका मकसद सिर्फ विरोधियों को परेशान करना है।
इससे पहले 2 सितंबर को सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता और हलिसहर नगर पालिका के अध्यक्ष राजू साहनी को चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने 80 लाख रुपये नकद और 2.75 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए थे।
इसके अलावा राजू साहनी के ठिकाने से एक बिना लाइसेंसी पिस्तौल भी बरामद की गई है। बताया जा रहा है कि उनके विदेशी बैंकों के अकाउंट के बारे में भी सीबीआई को पता चला है। बता दें कि राजू साहनी को कोर्ट ने 5 दिनों की पुलिस हिरासत का निर्देश दिया है। साहनी पर सन्मार्ग कॉआपरेटिव नामक चिटफंड कंपनी को संरक्षण देने के नाम पर मोटी रकम लेने का आरोप है।
गौरतलब है कि साहनी की गिरफ्तारी के दिन तृणमूल सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे नेता अभिषेक बनर्जी से प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने कथित कोयला चोरी घोटाले में सात घंटे तक पूछताछ की थी।