Bihar politics: बिहार में सीबीआई की एंट्री पर रोक पर बिहार के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि पार्टी ने सीबीआई का कभी बेजा इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में जो कार्रवाई की जा रही हैं उसके लिए तो जेडीयू और आरजेडी की तरफ से ही आवेदन किए गए थे, अब उन पर कार्रवाई हो रही है।

उन्होंने कहा, “बिहार में 1996 में जब लालू प्रसाद यादव खुद मुख्यमंत्री थे और आरजेडी की सरकार थी, तब सीबीआई की एंट्री हुई। तो बिहार में सीबीआई उनकी ही पार्टी लेकर आई थी। अब उनके साथ जो लोग हैं चाहे वो शिवानंद तिवारी या ललन जी हों, यही लोग आवेदन करते थे और आज भी जो जांच चल रही हैं, वो उन्हीं के आवेदन पर चल रही हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि इन मामलों में ललन, शिवानंद तिवारी और शरद यादव ने मनमोहन सरकार को आवेदन दिया था, उसी पर जांच हो रही है। कोई भी चीज जिसने यह खड़ा किया, उनसे ही स्पष्टीकरण लेना चाहिए।

उन्होंने कहा, “आप ही के आवेदन पर कार्रवाई हो रही है और उन्होंने ही आवेदन दिया। बेजा कहां इस्तेमाल हो रहा है।” उन्होंने कहा कि आवेदन जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तत्कालीन अध्यक्ष शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने दिया, उस पर कार्रवाई हो रही है।

वहीं, बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर बीजेपी नेता ने कहा कि यह पूरी तरह से माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। केजरीवाल ने देश में माहौल बनाया कि उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, एक भी एमएलए नहीं टूटा। नीतीश कुमार ने भी माहौल बनाया कि हमारी पार्टी तोड़ रहे हैं। 7 विधायकों से 115 विधायक तक पहुंचाया, तब भारतीय जनता पार्टी बहुत अच्छी थी।

उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी को पार्टी नहीं तोड़नी है, लोकतंत्र स्थापित करना है और हम नीतीश जी माध्यम से वह कर रहे थे। अब बीजेपी खुद 2024 और 2025 में बिहार में लोकतंत्र स्थापित करेगी।”

बता दें कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने का आह्वान किया है। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने बिना अनुमति के सीबीआई जांच पर रोक लगाने की मांग की है। इसे लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार की बैठक की भी खबर आई, लेकिन जेडीयू ने इसे खारिज करते हुए कहा कि इस बारे में कोई बैठक ही नहीं हुई है।