सीबीआई ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक कंसोर्टियम से कथित तौर पर 1626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक दवा कंपनी पर केस दर्ज किया है। चंडीगढ़ स्थित पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। सीबीआई की ओर से शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रणव गुप्ता के अलावा कंपनी के निदेशकों विनीत गुप्ता, दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत सिंह चहल, संजीव कुमार, वंदना सिंगला, इशरत गिल और इसके गारंटर टी एन गोयल और निर्मल बंसल तथा एक अन्य व्यक्ति जे डी गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सीबीआई ने शुक्रवार को चंडीगढ़, पंचकुला, लुधियाना, फरीदाबाद और दिल्ली में 12 स्थानों पर आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों की तलाशी ली। उन्होंने कहा कि छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज, लेख और 1.58 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

अधिकारी के अनुसार, यह कंपनी ड्रग्स के निर्माण में लगी हुई थी और कथित तौर पर आपराधिक साजिश और जालसाजी, और फ़नल ऋण के माध्यम से बैंकों के संघ को धोखा दिया है। सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि एजेंसी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और अन्य सदस्य बैंकों से धोखाधड़ी के लिए चंडीगढ़ की एक निजी कंपनी और उसके प्रबंध निदेशक, निदेशकों, गारंटरों और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

उन्होंने कहा कि फर्म ने कथित तौर पर बैंकों से 1626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। आरोपी निजी कंपनी दवाओं के निर्माण में लगी हुई थी और आपराधिक साजिश और जालसाजी के माध्यम से बैंकों के संघ को ठगा था।

सीबीआई ने फिलहाल इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन पूछताक्ष और छापेमारी का दौर जारी है। बता दें कि कुछ इसी तरह से विजय माल्या और नीरव मोदी ने भी बैंकों से फ्रॉड किया था। दोनों फ्रॉड करके देश से बाहर भाग गए, जिन्हें लाने की कोशिश भारत की एजेंसियां कर रही हैं, लेकिन अभी तक सफल नहीं हुई है।