सीबीआई को 20 साल से जिस कथित घोटालेबाज अधिकारी की तलाश थी वह नाम बदलकर कॉलेज में पढ़ाते हुए पकड़ा गया। मामला सीमा शुल्क विभाग के एक अधिकारी से जुड़ा हुआ है। सीबीआई उसे लंबे समय से तलाश रही थी। आखिरकार शुक्रवार को उसे मथुरा से पकड़ा गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरोपी अभिनव सिंह यहां के केडी मेडिकल कॉलेज में असोसिएट प्रोफेसर के तौर MBBS के छात्रों को पढ़ा रहा था। उल्लेखनीय है कि उसके पास MBBS की डिग्री भी फर्जी थी।
झांसी का रहने वाला था आरोपी प्रोफेसरः अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अभिनव झांसी का रहने वाला है। वह नाम बदलकर अकबरपुर (मथुरा) के केडी कॉलेज में हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में असोसिएट प्रोफेसर के पद पर काम कर रहा था। आरोपी अफसर पूर्व में सीमा शुल्क विभाग में अधिकारी के पद पर रह चुका है। अस्पताल के एक अधिकारी ने पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि वह कॉलेज में MBBS के छात्रों को इंटरनल मेडिसिन विषय पढ़ाता था। इस पूरे मामले पर सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिंह की गिरफ्तारी ने कॉलेज में छात्रों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में सीमा शुल्क मूल्यांकन से जुड़े पद पर रहे अभिनव ने फर्जी DEPB (ड्यूटी एनटाइटलमेंट पास-बुक) की मदद से सीमा शुल्क विभाग को चार करोड़ रुपए का चूना लगाया था। इस मामले में 29 सितंबर 1999 को सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। यही नहीं आरोपी पर पांच लाख रुपए रिश्वत और मारुति जेन कार चुराने का भी आरोप है।
सीबीआई ने दर्ज किया आरोपी का बयानः रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिनव पिछले दो-तीन साल से केडी मेडिकल कॉलेज में पढ़ा रहा था। इससे पहले वह फर्जी मेडिकल डिग्री के जरिए फरीदाबाद और आसपास के कई शहरों के मेडिकल कॉलेजों में भी पढ़ा चुका है। सीबीआई अधिकारियों ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

