पीओके को आजाद कश्मीर कहकर चर्चाओं में आए केरल के पूर्व मंत्री केटी जलील पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। तिरुवल्ला फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरएसएस नेता अरुण मोहन की शिकायत पर पुलिस को जलील पर केस दर्ज करने को कहा है। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि पीओके आजाद कश्मीर है। इस पोस्ट के बाद बवाल खड़ा हो गया था और कई नेताओं ने भी इस पर आपत्ति जताई थी।
केटी जलील ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि भारत के अधीन जम्मू-कश्मीर है, जबकि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर आजाद कश्मीर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जिया उल हक के समय एकीकृत सेना आजाद कश्मीर की आम सेना बन गई। पाक सरकार का पीओके पर कोई प्रशासकीय दखल नहीं था।
उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर के नाम से जाना जाता था। पाकिस्तान सरकार के पास उस क्षेत्र में कोई अधिकार नहीं था। सिर्फ करंसी और सेना की सहायता ही पाकिस्तान के नियंत्रण में थी। आजाद कश्मीर की अपनी अलग सेना हुआ करती थी।” उन्होंने लिखा कि भारत के अधीन जम्मू-कश्मीर में जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख आता है।
जलील ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के भारत सरकार के फैसले की भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय कश्मीर दो हिस्सों में बंट गया था। ब्रिटिश सरकार द्वारा दोंनों हिस्सों को खुद निर्णय लेने का अधिकार दिया गया था। शेख अब्दुल्ला और उनके प्यारे देशवासियों ने भारत का साथ दिया। इसके बदले में पंडित नेहरू ने उपहार के रूप में उन्हें विशेष दर्जा दिया। लोग दुखी हैं क्योंकि उनसे विशेष राज्य का दर्जा वापस ले ले लिया गया है और वो भी उनसे बिना पूछे।
उन्होंने कहा, “कश्मीरियों के चेहरे पर चमक नहीं है। हर तरफ बंदूक लेकर सैनिक तैनात हैं। पुलिसकर्मियों के कंधों पर भी बंदूकें हैं। आम लोगों के चेहरों पर कोई उदासी नहीं थी। ऐसा लगता है कि कश्मीर के लोग हंसना भूल गए हैं।”
