इधर मध्य प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ‘गाय मंत्रालय’ बनाने की मांग की है। बुधवार (20 जून) को कैबिनेट मंत्री स्वामी अखिलेश्वरानंद ने मुख्यमंत्री से अपील की कि वो राज्य में ‘गाय मंत्रालय’ का गठन करें। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान में ‘गाय सेक्रिटेरियट’ बन सकता है तो फिर मध्यप्रदेश में गाय मंत्रालय क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि हम गाय को जानवरों की कैटेगरी (श्रेणी) से बाहर करना चाहते हैं।
स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा है कि मैंने मध्य प्रदेश सरकार से ‘गौ मंत्रालय’ का गठन करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री खुद किसान हैं और मेरे जैसे लोग इसमें पूरी मदद करेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि इसके लिए उन्हें जनता से पूरा समर्थन भी मिल रहा है। अपनी बातों के समर्थन में अखिलेश्वरानंद का कहना है कि नए विभाग के बनाए जाने से गायों का बेहतर संरक्षण हो सकेगा।
गाय पर दे चुके हैं पहले भी बयान: स्वामी अखिलेश्वरानंद अक्सर गाय को लेकर चौंकाने वाले बयान देते हैं जो कई बार सुर्खियां बन चुकी हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि तीसरा विश्वयुद्ध गाय पर ही होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि सन् 1857 की क्रांति की वजह भी गाय ही थी। इससे पहले गौ रक्षकों पर अपने एक बयान में स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा था कि मृत गाय को देखकर किसी को भी गुस्सा आना स्वभाविक है। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए।
कौन हैं स्वामी अखिलेश्वरानंद? स्वामी अखिलेश्वरानंद को साल 2010 में निरंजनी अखाड़े ने महामंडलेश्वर बनाया था। उन्हें यह उपाधि संन्यास लेने के 12 साल बाद मिली। संन्यास लेने से पहले स्वामी अखिलेश्वरानंद वीएचपी के नेता थे और वह राम जन्मभूमि अभियान में भी हिस्सा ले चुके हैं। अखिलेश्वरानंद एमपी के गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। अभी हाल ही में स्वामी को शिवराज सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। हालांकि पहले उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।