बुलंदशहर के स्याना इलाके में सोमवार को गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा और इसमें एक एसएचओ समेत दो लोगों की हत्या के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को हिरासत में लिया है। मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार के अनुसार, मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को सौंप दी गई है। आईजी मेरठ जोन की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें 3-4 सदस्य होंगे। एसआईटी इस बात की जांच करेगी कि गोकशी के मामले में शिकायत दर्ज करने के बावजूद हिंसा क्यों भड़की? और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर बाकी पुलिसकर्मी क्यों भाग खड़े हुए? पुलिस ने हिंसा के इस मामले में 2 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें से एक गोकशी करने वाले आरोपियों के खिलाफ की गई है, वहीं दूसरी एफआईआर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले आरोपियों के खिलाफ की गई है। खबर के अनुसार, एफआईआर में 87 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें से 27 लोगों को नामजद और 60 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। एबीपी न्यूज के अनुसार, एसएचओ की हत्या में हिंदूवादी संगठन के लोगों का नाम आ रहा है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

स्याना हिंसा में एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल एफआईआर में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें से कुछ आरोपी बजरंग दल, बीजेपी युवा मोर्चा और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता है। हिंसा में योगेश राज और सतेंद्र राजपूत को मुख्य आरोपी बनाया गया है। योगेश बजरंग दल का जिला संयोजक बताया जा रहा है। सभी आरोपी स्याना इलाके के ही रहने वाले हैं। एक आरोपी शिखर अग्रवाल भाजपा युवा मोर्चा का नगर अध्यक्ष और उपेंद्र राघव को विश्व हिंदू परिषद का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। फिलहाल चमन, देवेंद्र और एक अन्य आरोपी को हिरासत में लिया गया है।

वहीं इस हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के पार्थिव शरीर को पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान एसएसपी, डीएम समेत कई वरिष्ठ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि के बाद शहीद इंस्पेक्टर के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेज दिया गया। ऐसी खबर है कि शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों का आरोप था कि इंस्पेक्टर के पार्थिव शरीर को तिरंगे में नहीं लपेटकर उचित सम्मान नहीं दिया गया। हालांकि परिजनों की इस शिकायत की जानकारी होते ही पुलिस अधिकारियों ने शहीद के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर अंतिम विदाई दी।

स्याना हिंसा में हुई एफआईआर की कॉपी।

बता दें कि सोमवार को बुलंदशहर के स्याना में एक ईंख के खेत में हुई गोकशी की अफवाह फैली। जिसके बाद कई गांवों के लोग वहां इकट्ठा हो गए और उन्होंने गोवंश के अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर हाइवे जाम करने की कोशिश की। इस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को समझाने का प्रयास किया। लेकिन स्थिति नहीं संभल पायी और गुस्साए लोगों ने पथराव शुरु कर दिया। इस पर पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दी। जिससे स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि हिंसा के दौरान एक युवक गोली लगने से घायल हो गया। जिसकी बाद में मौत हो गई। इसी दौरान भीड़ ने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर हमला कर दिया। घायल अवस्था में सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी मौत गोली लगने से हुई। गोली उनकी भौंह से होते हुए सिर में लगी। उल्लेखनीय है कि साल 2015 में दादरी में मोहम्मद अखलाक की गाय का मांस खाने के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। स्याना हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ही उस मामले में पहले जांच अधिकारी थे।

सीएम ने किया आर्थिक मदद का ऐलानः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर की हत्या पर गहरा दुख जताया है और शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इसमें से 40 लाख रुपये शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी को और 10 लाख शहीद इंस्पेक्टर के माता- पिता को दिए जाएंगे। इसके अलावा सरकार ने दिवंगत इंस्पेक्टर के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने दुख की इस परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार उनके साथ है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि जल्द से जल्द घटना की जांच कर दोषियों को सजा दी जाए।

इस तस्वीर पर क्लिक कर देखें कैसे थे बुलंदशहर हिंसा के दौरान हालात।