बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बुधवार (19 जून) को कहा कि ‘एक देश एक चुनाव’ भाजपा का नया ढकोसला है ताकि ईवीएम की सुनियोजित धांधलियों आदि के जरिए लोकतंत्र पर कब्जा किए जाने को लेकर उपजी गंभीर चिंता की तरफ से लोगों का ध्यान बंटाया जा सके। केंद्र सरकार की ‘एक देश एक चुनाव’ पहल पर आज नई दिल्ली में आयोजित बैठक के संबंध में मायावती ने पहले ट्वीट और फिर अपने बयान में कहा कि भाजपा सरकार को ऐसी सोच, मानसिकता एवं कार्यकलापों से दूर रहना चाहिये जिससे देश के संविधान एवं लोकतंत्र को आघात पहुंचता है।
‘एक देश-एक चुनाव’ के बारे में सोचना ही गैर-संवैधानिकः मायावती ने कहा ‘भारत जैसे विशाल, 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले 29 राज्यों व 7 केंद्र शासित प्रदेशों पर आधारित लोकतांत्रिक देश में ‘एक देश-एक चुनाव’ के बारे में सोचना ही प्रथम दृष्टया अलोकतांत्रिक व गैर-संवैधानिक प्रतीत होता है। देश के संविधान निर्माताओं ने ना तो इसकी परिकल्पना की और ना ही इसकी कोई गुंजाइश देश के संविधान में रखी। दुनिया के किसी छोटे से छोटे देश में भी ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है।’ उन्होंने कहा ‘‘किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकता और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ’एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास और छलावा है।’’
National Hindi News, 19 June 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
ईवीएम को चुनावी प्रक्रिया के लिए बताया नुकसानदायकः ईवीएम को भी चुनावी प्रक्रिया के लिए नुकसानदायक बताते हुए उन्होंने कहा कि मतपत्र के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने की सरकार की जिद से देश के लोकतंत्र तथा संविधान को असली खतरा है। ‘‘ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने के लिए सरकार को विभिन्न पार्टियों की बैठक बुलानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। ’मायावती ने ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी बसपा के शामिल नहीं होने का स्पष्ट संकेत भी दिया।
ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास घटाः बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास घट गया है जो चिंताजनक है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती।’उन्होंने कहा कि एक देश, एक चुनाव देश का मुद्दा नहीं है और ना ही लोगों की इसमें कोई रूचि है बल्कि इसके विपरीत मतपत्र से चुनाव कराये जाने की जोरदार मांग असली राष्ट्रीय मुद्दा बनी हुई है, जिसके लिए हमारी पार्टी संघर्ष जारी रखेगी।