बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने मुस्‍ल‍िमों के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा क‍ि केंद्र और राज्य सरकारों को सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। मायावती ने कहा कि इस तरह का भेदभाव समाज में शांति और सद्भाव के लिए हानिकारक हो सकता है, जो बहुत चिंता का विषय है।

मुस्लिमों के साथ अपनाया जा रहा सौतेला रवैया- मायावती

मायावती ने X पर एक पोस्ट में कहा, “भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है। ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों के मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए, किन्तु अब मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में भी जो सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं। साथ ही सभी धर्मों के पर्व-त्योहारों आदि को लेकर पाबन्दियां व छूट से सम्बंधित जो नियम-कानून हैं उन्हें बिना पक्षपात एक जैसा लागू होना चाहिए, जो ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। इससे समाज में शांति व आपसी सौहार्द बिगड़ना स्वाभाविक है, जो अति-चिन्तनीय। सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।”

आकाश आनंद को मायावती ने दिखाया बाहर का रास्ता

इससे पहले मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। रविवार को मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया था। मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी कुछ दिन पहले पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अशोक सिद्धार्थ पर बीएसपी को कमजोर करने के आरोप लगे थे। आकाश आनंद की जगह उनके पिता और पार्टी महासचिव आनंद कुमार को नेशनल को-आर्डिनेटर बनाया गया है।

इस लड़की के व्यवहार पर टिका है आकाश आनंद का भविष्य, BSP सुप्रीमो मायावती ने खुद बताया

आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं परमपूज्य आदरणीय बहन कु. मायावती जी का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं, ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं। आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं। आदरणीय बहन कु. मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है।”

आकाश आनंद ने आगे लिखा, “ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है। यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।”