ब्रेन डेड घोषित पुणे के 32 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपने अंगों से पांच लोगों (Organ Donation) की जान बचाई है। ब्रेन डेड व्यक्ति का हृदय, लीवर, फेफड़े, अग्न्याशय और गुर्दे शुक्रवार को सफलतापूर्वक निकाले गए।

पिंपरी के डीपीयू सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (DPU Super Speciality Hospital) में मरीजों को फेफड़े और एक किडनी दी की गई। वहीं मुंबई के सर एचएन रिलायंस अस्पताल (Sir HN Reliance Hospital) में एक मरीज को ब्रेन डेड व्यक्ति का दिल दिया गया। इसके अलावा पुणे के जुपिटर अस्पताल (Jupiter Hospital) में मरीजों को एक किडनी, लीवर और अग्न्याशय आवंटित किया गया था।

डीपीयू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अनुसार ब्रेन डेड व्यक्ति के परिवार में उसके माता-पिता और एक छोटी बहन है। उन्हें इंट्रावेंट्रिकुलर रक्तस्राव के साथ इंट्राक्रैनियल ब्लीड का सामना करना पड़ा था। बुधवार को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर ने उनके परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की। परिवार ने बाद में उनके अंगों को दान करने का सामूहिक निर्णय लिया।

गुरुवार को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (National Organ and Tissue Transplantation Organisation) ने अंग आवंटन प्रणाली के अनुसार अस्पताल में अंगों की उपलब्धता के बारे में एक अलर्ट जारी किया।

पुणे की डॉ. डी वाई पाटिल विद्यापीठ सोसाइटी (Dr D Y Patil Vidyapeeth Society) के ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष डॉ. यशराज पाटिल ने कहा, “डोनर ब्रेन डेड का मामला था और हम प्रभावी परामर्श के माध्यम से डोनर के परिवार से सहमति प्राप्त करने में सक्षम रहे। हमारे विशेषज्ञ सर्जनों द्वारा बहु-अंग प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया गया था। दिल को तय समय सीमा में मुंबई पहुंचना था, जिसके लिए हमने डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से मुंबई तक बड़ी कुशलता से ग्रीन कॉरिडोर बनाया। महज डेढ़ घंटे में दिल मुंबई पहुंच गया। हम उनके नेक कार्य के लिए परिवार के आभारी हैं और खुश हैं कि हम इसके माध्यम से कई लोगों की जान बचा सके।”

इसके पहले दिल्ली में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। दरअसल रूप चंद्र सिंह 30 अप्रैल को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद उनको एम्स के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से उन्हें एम्स में ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इसके बाद परिवार की सहमति से उनके शरीर के पांच अंग निकाले गए और उससे पांच जिंदगियां बचाई।