बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर को कोरोनावायरस से संक्रमित पाई जाने के बाद लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई में क्वारैंटाइन यानी अलग-थलग रखा गया है। इसी बीच खबरें आ रही हैं कि कनिका ने क्वारैंटाइन में ही अपने सेलिब्रिटी जैसे नखरे दिखाने शुरू कर दिए हैं। हाल ही में उन्होंने शिकायत की थी कि अस्पताल में उन्हें खाने के लिए सिर्फ दो केले और संतरे दिए गए। इस पर अस्पताल के निदेशक ने इस पर शनिवार को बयान जारी कर कहा कि कनिका को किसी स्टार की तरह नखरे नहीं करने चाहिए और एक मरीज की तरह अस्पताल के साथ सहयोग करना चाहिए।

एसजीपीजीआई, लखनऊ के निदेशक डॉक्टर आरके धिमन ने कहा, “कनिका कपूर को अस्पताल में जितना मुमकिन हो पा रहा है, उतनी बेहतर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। लेकिन उन्हें मरीज की तरह सहयोग करना चाहिए, न कि स्टार की तरह नखरे दिखाने चाहिए। उन्हें अस्पताल के किचन से ही ग्लुटेन मुक्त डाइट मुहैया कराई जा रही है। उन्हें हमारे साथ सहयोग करना चाहिए।”

धिमन ने आगे बताया, “उन्हें जो फैसिलिटीज दी जा रही हैं, उनमें एक आइसोलेटेड रूम, टॉयलेट, मरीजों का बेड और टेलीविजन शामिल हैं। उनके कमरे का वेंटिलेशन भी एयर कंडीशंड है, जिसे कोरोनावायरस यूनिट के लिए अलग से तैयार किया गया। उनका हर तरह से ख्याल रखा जा रहा है, लेकिन पहले उन्हें एक मरीज की तरह बर्ताव करना होगा न कि किसी स्टार की तरह।”

गौरतलब है कि पुलिस ने कनिका पर शुक्रवार को कोरोनावायरस पर लापरवाही के लिए एफआईआर दायर की थी, उस पर सवाल खड़े हो गए हैं। लखनऊ के चीफ मेडिकल अफसर (सीएमओ) की शिकायत पर सरोजिनी नगर थाने में शुक्रवार को कनिका के खिलाफ केस दर्ज हुआ। कनिका पर आरोप है कि उन्होंने एयरपोर्ट में कोरोनावायरस की जांच में हिस्सा नहीं लिया और गत 13, 14 और 15 मार्च को होली से जुड़ी दो-तीन पार्टियों में शिरकत की थी। वे छोटे आयोजन थे और कुल मिलाकर कर इनमें 250 से 300 लोगों ने शिरकत की थी।

बता दें, कनिका कपूर ने इससे पहले अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कोरोनावायरस की शिकार होने की जानकारी साझा की थी। उन्होंने लिखा था, “सभी को नमस्कार, पिछले 4 दिनों से मुझे फ्लू के लक्षण थे, मैंने खुद की जांच कराई और यह कोरोनावायरस पॉजिटिव आया। मेरा परिवार और मैं अभी पूरी तरह से आइसोलेशन में हैं और आगे बढ़ने के तरीके के बारे में चिकित्सा सलाह का पालन कर रहे हैं। जिन लोगों के साथ मैंने संपर्क साधा है, उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। मुझे हवाई अड्डे पर सामान्य प्रक्रिया के अनुसार 10 दिन पहले स्कैन किया गया था जब मैं घर वापस आई, तो लक्षण केवल 4 दिन पहले विकसित हुए हैं।”