बिहार चुनाव में बंपर जीत दर्ज करने के बाद भाजपा की निगाहें अब पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने पर टिक गई हैं। पार्टी के बड़े नेता पहले ही बंगाल में जुटे हुए हैं। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि बंगाल में चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी के केंद्रीय नेतृत्व और ममता बनर्जी के शासन के बीच होगा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी एक चैनल की डिबेट में इसे सीधा मुकाबला बताते हुए कहा कि जिस तरह की तुष्टीकरण की राजनीति ममता बनर्जी कर रही हैं, आखिर वह क्यों कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल में टीएमसी जब हार जाएगी, तो ये ओवैसी को जिम्मेदार बताने लगेंगे।

संबित पात्रा यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, “उसी को जगाया जा सकता है, जो वास्तविक रूप में सो रहा है। जो सोने की एक्टिंग कर रहा है, उसको कहां जगाया जा सकता है। ये समझते नहीं हैं क्या जिस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति ममता बनर्जी कर रही हैं। आप मौलानाओं को स्टाइपेंड देंगे। पंडितों के लिए एक पैसा नहीं खर्चा करेंगे। दूर्गा पूजा के विसर्जन पर रोक लगा देंगे। मुहर्रम के ऊपर आप कुछ नहीं करेंगे। वहां ममता बनर्जी के गली-गली में, चौराहे-चौराहे में नमाज पढ़ते हुए फोटो लगे हैं। आप देखिए मस्जिद के अंदर नमाज पढ़ रही हैं ममता बनर्जी। यह सब समझते हैं।” पात्रा ने कहा कि रोहिंग्याओं को लाकर अपने घर में बिठाएंगे, फिर क्या ये समझते नहीं हैं।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पश्चिम बंगाल में आदिवासी बहुल क्षेत्रों का दौरा कर चुनावी बिगुल फूंका। उन्होंने साफ किया था कि भाजपा कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश की तरह ही बंगाल में सीएम फेस की चिंता के बिना चुनाव लड़ने पर ध्यान देना चाहिए। शाह के अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय लंबे समय से बंगाल में ही हैं। उन्हें संगठन ने एक बार फिर बंगाल की जिम्मेदारी सौंपकर चुनाव में जीत सुनिश्चित करने का जिम्मा दिया है।

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 18 सीटें हासिल की हैं। हालांकि, इसके बाद हुए तीन उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की है। शाह ने अपने हालिया बयान के जरिए भरोसा जताया है कि भाजपा बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से 200 पर कब्जा जमाएगी।