शिवसेना ने बुधवार को मांग की कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पद से तुरंत हटाया जाए और कहा कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के हालात पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नीत राज्य सरकार तथा विपक्षी भाजपा के बीच जारी राजनीतिक संघर्ष की पृष्ठभूमि में शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कदम ‘‘संविधान के खिलाफ हैं।’’ इसमें कहा गया, ‘‘पश्चिम बंगाल में अस्थिरता और अशांति पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्यपाल को तुरंत हटाया जाना चाहिए।’’
उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति समर्थन जताया था। हाल ही में टीएमसी केनेताओं की गिरफ्तारी पर सामना में कहा गया कि चार नेताओं की) सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से राजनीतिक बदले की बू आती है।
सामना में कहा गया, ‘‘2014 के नारद स्टिंग ऑपरेशन में वे रिश्वत लेते कैमरे पर नजर आए थे। बाकी के दो आरोपी मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी जो अब भाजपा के साथ हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। भाजपा के साथ आने से और ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने से क्या वे बेदाग हो गए?’’
ममता बनर्जी कर चुकी हैं धनखड़ को हटाने की मांग: बता दें कि शिवसेना की तरफ से बंगाल के राज्यपाल पद से धनखड़ को हटाने की मांग सीएम ममता बनर्जी की ओर से पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी के बाद आई है। ममता ने पत्र में जनता के भले की दुहाई देते हुए देश के इन दो सर्वोच्च पदाधिकारियों से कहा है कि राज्यपाल धनकड़ चुनाव के बाद से ही बंगाल की हिंसा के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं।
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ममता ने चिट्ठी में आरोप लगाया था कि धनखड़ ऐसा करने में इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि जिस वक्त की हिंसा की वे चर्चा करते हैं, वह उस वक्त की है जब राज्य का शासन तृणमूल कांग्रेस के हाथ में नहीं था। पत्र में नए राज्यपाल की नियुक्ति की मांग करते हुए कहा गया है कि अगर बंगाल में अच्छा शासन चाहते हों तो मौजूदा राज्यपाल जगदीप धनकड़ को वापस बुला लीजिए।