उत्तर प्रदेश में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कुलपति (वीसी) को बीजेपी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष ने एक पत्र लिखा है। जिसमें मांग की गई है कि एएमयू परिसर में मंदिर बनाने के लिए जमीन दी जाए ताकि एएमयू की छवि को धर्मनिरपेक्ष किया जा सके। साथ ही कहा गया कि कुलपति 15 दिन में इसका जवाब दें नहीं तो हमारे कार्यकर्ता कैंपस के अंदर घुसकर ‘मूर्ति स्थापना’ कर देंगे। बता दें कि हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी एएमयू पर एससी/एसटी आरक्षण को लेकर सवाल उठाए थे।

बता दें कि अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर बीजेपी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुकेश सिंह लोधी ने वीसी को पत्र लिखकर मांग की है कि यूनिवर्सिटी परिसर में मंदिर बनाने के लिए जगह दी जाए। साथ ही उन्होंने कहा, ‘अगर 24 फरवरी तक वीसी ने हमें जमीन नहीं दी तो हमें कैंपस में जहां जगह मिलेगी, वहां हम हजारों कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर मूर्ति स्थापना कर देंगे।’ युवा मोर्चा की ओर से वीसी को लिखें पत्र में कहा गया कि की कैंपस में हजारों हिंदू छात्र-छात्राएं पढ़ते है। लेकिन यहां कोई भी मंदिर नहीं है जिससे पूजा अर्चना करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यूनिवर्सिटी में मंदिर बनने के बाद हिंदू-मुस्लिम एकता का एक उदाहरण भी सामने आएगा।

फिलहाल इस मुद्दे पर यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता सैफी किदवई ने कहा कि उन्हें बीजेपी युवा मोर्चा की तरफ से कोई भी आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ये मांग राजनीतिक है, यह एक शैक्षिक संस्थान है। गौरतलब है कि इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने एएमयू में एससी-एसटी छात्रों को आरक्षण देने के मुद्दे पर यूनिवर्सिटी पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि एएमयू को भारत सरकार 300 करोड़ रुपये का अनुदान देती है। वह अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी नहीं है। फिर वहां अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण का लाभ क्यों नहीं मिल पाता?