हरियाणा में बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव से पहले एक बड़ा यू-टर्न लिया है। दरअसल पहले बीजेपी ने घोषणा की थी कि वो नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी, लेकिन जब अचानक से उसकी सहयोगी पार्टी जेजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया तो बीजेपी को झटका लगा और अब उसने अपने फैसले को बदलते हुए कहा है कि दोनों पार्टियां निकाय चुनाव में एक साथ लड़ेंगी।

दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी को छोड़ने के एक हफ्ते से भी कम समय में भाजपा ने घोषणा की है कि वह सीट-बंटवारे के आधार पर जेजेपी के साथ गठबंधन में निकाय चुनाव लड़ेगी। इस मुद्दे पर भाजपा का रुख तब बदला, जब जेजेपी ने बिना उससे चर्चा किए एक अपना स्टैंड लिया और राज्यसभा चुनाव में पूर्व कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा को समर्थन देने की घोषणा कर दी।

90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में जेजेपी के सभी 10 विधायकों ने शर्मा को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस संबंध में कहा- “अब, चूंकि स्थिति स्पष्ट है और नामांकन दाखिल किए गए हैं। हमारे 31 विधायक पार्टी के उम्मीदवार कृष्ण पंवार का समर्थन करने के लिए पर्याप्त हैं, भाजपा के शेष 9 विधायक निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा का समर्थन करेंगे।”

एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हरियाणा भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ और जेजेपी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह और दिग्विजय चौटाला ने घोषणा की कि वे साथ मिलकर निकाय चुनाव लड़ेंगे। जिसमें 14 नगर परिषदों में भाजपा और शेष चार पर जेजेपी चुनाव लड़ेगी।

भाजपा सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जेजेपी भाजपा पर एक साथ निकाय चुनाव लड़ने का दबाव बना रही थी। हालांकि भाजपा के हिसाब से सत्ता विरोधी मतों में विभाजन के कारण चुनाव उसके पक्ष में जा सकता है, क्योंकि आम आदमी पार्टी भी इस चुनाव में उतरने का ऐलान कर चुकी है। तो बीजेपी ने जेजेपी को छोड़ने का ऐलान कर दिया, लेकिन जब जेजेपी ने राज्यसभा चुनाव में अपना स्टैंड ले लिया तो बीजेपी ने अपने फैसले को बदल दिया।