महाराष्ट्र की सत्ता से उद्धव ठाकरे को बेदखल करने के बाद अब बीजेपी की नजर बीएमसी चुनावों पर है और पार्टी ने इन चुनावों के लिए पार्टी नेताओं से जोश के साथ मैदान में उतरने की अपील की है। अपने दो दिवसीय मुंबई दौरे के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को उसके घरेलू मैदान पर गहरा घाव देने को कहा है।
उन्होंने कहा कि तीन दशक के शासन से बीएमवी को हटाने के लिए पार्टी को आक्रामक रणनीति अपनाने के लिए कहना कोई असामान्य बात नहीं है। वह इस दौरान उद्धव ठाकरे पर सीधा हमला करते नजर आए। उन्होंने कहा, “यदि शिवसेना छोटी पार्टी में सिमट गई है, तो इसके लिए उद्धव ठाकरे जिम्मेदार हैं …” उन्होंने उद्धव पर धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि राजनीति में कोई कुछ भी बर्दाश्त कर सकता है लेकिन विश्वासघात नहीं।
बीएमसी में ठाकरे सेना की पहचान उद्धव ठाकरे को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को नियंत्रित करने में सक्षम बनाती है और उन्हें राजनीतिक रूप से भी मजबूती देती है। शायद इसी वजह से बीजेपी उन्हें बीएमसी चुनावों में शिकस्त देने के लिए पुरजोर रूप से तैयारी में लगी है।
वहीं, बीएमसी चुनाव के लिए गृहमंत्री ने 150 सीटों का लक्ष्य सेट किया है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पार्टी पूरे दमखम के साथ जुट गई है।
भाजपा ने मुंबई में आशीष शेलार के नेतृत्व में बीएमसी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बांद्रा के रहने वाले शेलार पहले भी दो बार मुंबई बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी 33 (2012) से 82 सीटों (2017) तक पहुंच गई थी। वह बीजेपी के आजमाए हुए और परखे हुए नेता हैं जो ठाकरे परिवार से सीधे भिड़ने के लिए जाने जाते हैं। उनके अलावा, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रणनीति बनाने और उसके क्रियान्वयन की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
अभी तक कोई भी पार्टी नहीं जीत सकी है 150 सीटें
बीएमसी की 227 सीटों में से 150 सीटें जीतना बीजेपी के लिए एक कठिन काम है। अभी तक कोई भी राजनीतिक दल 150 सीटें नहीं जीत सका है। 2017 में शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 जबकि, कांग्रेस को 22 और राकांपा को 9 सीटें मिली थीं।