जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है। इस केंद्र शासित प्रदेश में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है क्योंकि बीजेपी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। बीजेपी का मुकाबला सरकार की अगुवाई कर रही नेशनल कांफ्रेंस और उसके सहयोगी दलों से होगा।
इन सभी सीटों पर 24 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं।
इन राज्य सभा सीटों का कार्यकाल फरवरी, 2021 में खत्म हो गया था। तब पीडीपी के सांसद मीर मोहम्मद फैज और नजीर अहमद लावे, बीजेपी के शमशेर सिंह और उस समय कांग्रेस में रहे गुलाम नबी आजाद राज्यसभा के सांसद थे। तब से इन सीटों पर चुनाव नहीं हो सका था।
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इसकी वजह यह थी कि 2019 में जम्मू-कश्मीर को केंद्र ने दो हिस्सों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था और यहां राष्ट्रपति शासन लागू था। जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव हुए थे लेकिन राज्यसभा की ये सीटें खाली रह गई थीं।
किसके पास हैं कितने विधायक?
जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में बीजेपी के 28 विधायक हैं। सरकार चला रहे नेशनल कांफ्रेंस और उसके सहयोगी दलों के पास 53 विधायक हैं। ऐसे में उन्हें दो राज्यसभा की दो सीटों पर आसानी से जीत मिल सकती है। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के पास सात विधायक हैं। बीजेपी विधायक देवेंद्र राणा के निधन के बाद एक सीट खाली है।
चुनाव आयोग ने 25 सितंबर को घोषणा की थी कि राज्यसभा की चारों सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 13 अक्टूबर है और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी।
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बीजेपी के सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने के ऐलान के बाद राज्यसभा का यह चुनाव निश्चित रूप से काफी रोमांचक जरूर हो गया है। जम्मू-कश्मीर बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक में चुनाव को लेकर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ सहित कई नेता मौजूद थे।
विधानसभा में विधायकों के आंकड़े को देखते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस तीन और बीजेपी एक सीट जीत सकती है। जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंदर रैना का कहना है कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की कोशिश रहेगी कि वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करे।
कांग्रेस को एक सीट देगी नेशनल कॉन्फ्रेंस?
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी इन सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। ऐसा लगता है कि वह कांग्रेस को एक भी सीट नहीं देगी। सूत्रों ने बताया कि दिग्विजय सिंह अब्दुल्ला परिवार से बातचीत करेंगे और उन्हें कांग्रेस के लिए एक राज्यसभा सीट छोड़ने के लिए राजी करेंगे।
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