भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अपने ट्वीट्स के चलते एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के बाद अब पीएमओ से जुड़े अधिकारी पर निशाना साधा है। राज्यसभा सांसद ने रविवार (27 सितंबर, 2020) को ट्वीट कर आरोप लगाया कि फर्जी अकाउंट्स से उनपर हो रहे निजी हमलों के पीछे अमित मालवीय के साथ पीएमओ हरेन जोशी का भी हाथ है। ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) हरेन जोशी को पीएम नरेंद्र मोदी के खास सलाहकारों में गिना जाता है। जोशी अभी पीएमओ में ओएसडी (कम्यूनिकेशन ऐंड आईटी) हैं।

स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा कि अब अमित मालवीय को फिर से नियुक्त कर लिया गया है, तो मुझे कहना पड़ रहा है: मेरे पहले के ट्वीट्स ये पता करने के लिए थे कि अमित मालवीय ने खुद फर्जी आईडी से ट्वीट करवाए या इसके पीछे कोई और था। अब साफ हो गया है। पीएमओ हरेन जोशी इसके पीछे थे। मैंने दो सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके बारे में लिखा था।

दरअसल भाजपा नेता JEE NEET एग्जाम, अर्थव्यवस्था और अन्य मुद्दों पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। उनका आरोप था कि इसके लिए फर्जी अकाउंट बनाकर उनपर निजी हमले किए जा रहे हैं। खुद पर हमले के लिए उन्होंने भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालीवय को जिम्मेदार माना था और उन्हें हटाने की मांग की थी।

राज्यसभा सांसद ने 9 सितंबर को इस बाबत ट्वीट कर कहा था कि अगर अमित मालवीय को भाजपा आईटी सेल नहीं हटाया गया तो इसका मतलब है कि पार्टी मेरा बचाव नहीं करना चाहती है। अगर पार्टी में ऐसा कोई फोरम नहीं है जहां मैं अपनी राय रख सकूं तो मुझे ही खुद को डिफेंड करना होगा।

स्वामी के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रिया दी है। ट्वीटर यूजर राजीव @RaajeevSood लिखते हैं, ‘आप तेजी से अपनी विश्वसनीयता खो रहे हैं। बुद्धिमान लोग सनकी हो जाते हैं, जैसे आप बन रहे हैं। अटल सरकार को गिराने के लिए आप सोनिया गांधी के साथ भी बैठे। एक बार आपने बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की वकालत की थी।’

आरवीजी rvgindia लिखते हैं, ‘आप भाजपा छोड़ किसी और पार्टी में शामिल हो जाइए। भाजपा ने महज सात साल में सबकुछ खत्म कर दिया। 2014 में किए उनके वादों को सुनिए।’

स्नेहा प्रकाश @SnehaPrakaash लिखती हैं, ‘आप पत्र लिखते रहिए। आपके पिछले रिकॉर्ड की वजह से मोदी आपके पत्रों का कभी जवाब नहीं देंगे। पूर्व में आपने अटल बिहारी को छोड़ सोनिया गांधी को चुना था।’