देश भर में ज्ञानवापी मस्जिद और शिवलिंग के बीच छिड़ी जंग के बीच भारतीय जनता पार्टी पर तमाम बड़े नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता के के शर्मा ने कहा कि महिलाएं कोर्ट जाती हैं, मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचता है, इसमें BJP कहां है?

एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता के के शर्मा से एंकर ने पूछा कि प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 पर आपकी पार्टी का स्टैंड क्या है? बीजेपी अब तक इस पर कुछ भी खुलकर कहने से बचती आ रही है। जिस पर के के शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे को समझना चाहिए और इसमें भाजपा कहां है। उन्होंने कहा कि 5 महिलाएं कोर्ट जाती हैं और वहां पूजा का अधिकार मांगती हैं।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “क्या आपको लगता है कि सुप्रीम कोर्ट में बैठे जजों को कोई ज्ञान नहीं है? अगर जजों को लगता तो वो पहले ही प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 पर रोक लगा देते।” इस पर एंकर ने कहा कि आप बीजेपी का स्टैंड नहीं बता रहे हैं। एंकर ने बीजेपी नेता से सवाल पूछे कि क्या आपको लगता है कि ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गयी है? क्या वहां हिंदुओं को रोजाना पूजा का अधिकार मिलना चाहिए? क्या 1991 का एक्ट इसके आड़े आ रहा है?

फैसला कोर्ट के माध्यम से हो: इन सवालों के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “ इतिहास और साक्ष्यों के आधार पर ये बिल्कुल साफ है कि मंदिर तोड़कर वहां मस्जिद बनाई गयी है। इस बात पर भाजपा बिल्कुल सहमत है कि उस मंदिर का पुनर्गठन किया जाए।” के के शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि इसका निर्णय न्यायालय के माध्यम से हो। उन्होंने कहा, “ये लड़ाई हिंदू-मुसलमान की नहीं है, ना ही ये भाजपा और किसी विपक्षी दल की है। ये पूरी लड़ाई विदेशी आक्रांता वर्सेस भारतीयता की है।”

नेताओं ने लगाए बीजेपी पर आरोप: ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी कुछ भी कर सकती है और करा सकती है। एक समय रात के अंधेरे में अयोध्या में मूर्तियां रखवा दी गई थीं। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा क‍ि बीजेपी चुन-चुनकर धार्मिक स्‍थलों को न‍िशाना बना रही है। इससे देश का महौल बिगड़ सकता है।