भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘दीदी के बोलो’ अभियान का मखौल उड़ाते हुए इसे एक ‘‘हताश प्रयास’’ करार दिया और कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग ‘‘दीदी के छोड़ो’’ और ‘‘मोदी के बोलो’’ कहना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद बनर्जी ने जनता तक पहुंचने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसके तहत पार्टी के एक हजार नेता अगले 100 दिन में 10 हजार गांवों की यात्रा करेंगे और जनता की समस्याओं को जानकर उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे। इस कार्यक्रम को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दिमाग की उपज माना जा रहा है। इसके लिए बनर्जी ने लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9137091370 और वेबसाइट भी लॉन्च की है, ताकि वे सीधे पार्टी पदाधिकारियों से रू-ब-रू हो सकें।

कुशासन ने बंगाल को किया बर्बादः चौहान ने कहा, ‘‘ ममता बनर्जी के कुशासन ने बंगाल को बर्बाद कर दिया। अगर वह पहले जनता का दुख सुनतीं तो स्थिति काफी बेहतर होती।’’ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोग यह कहने को अधिक इच्छुक हैं कि ‘‘दीदी के छोड़ो और मोदी के बोलो’’। उन्होंने प्रशांत किशोर को तृणमूल कांग्रेस द्वारा अपना चुनावी रणनीतिकार नियुक्त किए जाने का भी उपहास उड़ाया और कहा कि यह दर्शाता है कि तृणमूल के पास अच्छे नेता नहीं हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे और बनर्जी की बुधवार शाम होने वाली बैठक पर चौहान ने कहा कि ‘‘दो नाकाम नेता अपने आपको बचाने के लिए’’ मुलाकात कर रहे हैं।

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 2021 के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव में अपनी डूबती नैया की डोर प्रशांत किशोर के हाथ में थमा राज्य में जनता को लुभाने में काफी हद तक कामयाब होने का दावा कर रही है।जनता तक पहुंचने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल मंच ‘दीदी के बोलो’ को पहले दो दिन में दो लाख से अधिक फोन आए हैं। तृणमूल नेतृत्व और किशोर की ‘इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी’ (आई-पीएसी) के अधिकारियों ने हालांकि फोन पर हुई बातचीत या किन लोगों ने फोन किया, इस संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की।