बलात्‍कार के मामले में जेल में बंद विवादास्‍पद धर्म प्रचारक आसाराम की सलाह को एक और भाजपा शसित राज्‍य में लागू करने की तैयारी है। जी हां! झारखंड सरकार ने राज्‍य के सभी 40,000 हजार स्‍कूलों में मातृ-पितृ दिवस मनाने की योजना बना रही है। झारखंड का शिक्षा विभाग इसको लेकर स्‍कूलों के लिए जल्‍द ही दिशा-निर्देश जारी करेगा। इसके तहत साल में किसी एक दिन को ‘मातृ-पितृ पूजन’ दिवस घोषित किया जाएगा। शिक्षा राज्‍यमंत्री नीरा यादव ने स्‍कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव को निर्देश जारी करने का आदेश दिया है।

छत्‍तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2015 में आसाराम की सलाह पर अमल करते हुए वैलेंटाइन डे को मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा की थी। ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अब झारखंड में भी इसे लागू किया जाएगा। नीरा यादव ने कहा क‍ि एक सरकारी स्‍कूल में छात्रों द्वारा अपने मां-बाप की पूजा करते देखने के बाद इसे राज्‍यभर के स्‍कूलों में लागू करने का विचार आया। शिक्षक छात्रों को मां-बाप को तिल‍क लगाने, माला पहनाने और उनके पैर छूने का निर्देश दे रहे थे। भाजपा शासित छत्‍तीसगढ़ के स्‍कूलों में इसे दो साल पहले ही लागू किया जा चुका है। रमन सिंह की सरकार ने दुष्‍कर्म के आरोप में जेल में बंद आसाराम की सलाह पर यह कदम उठाया था।

नीरा यादव ने इस फैसले के पीछे दलील भी दी है। उन्‍होंने कहा, ‘इसकी मदद से बच्‍चों के मन में देश की परंपरा और संस्‍कृति को बिठाया जा सकेगा। अध्‍ययन का मतलब सिर्फ किताबें पढ़ना नहीं होता है। इसमें बच्‍चों को अच्‍छा इंसान बनाना और देश की संस्‍कृति व परंपरा के बारे में उन्‍हें बताना भी शामिल होता है।’ झारखंड में इसके लिए फिलहाल कोई तिथि निश्चित नहीं की गई है। इसकी जिम्‍मेदारी शिक्षा सचिव को सौंपी गई है। छत्‍तीसगढ़ में राज्‍य सरकार के फैसले के बाद से हर साल 14 फरवरी को मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाया जाता है।