कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का पारा चढ़ता जा रहा है। कांग्रेस शासित राज्य में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सत्ता में आने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकर्ताओं के हत्यारों को पाताल से भी ढूंढ़ निकालाा जाएगा। उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं के हत्यारोपियों के खिलाफ केस वापस लेने के लिए सिद्धारमैया सरकार की कड़ी आलोचना की है। गुरुवार (25 जनवरी) को एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘आरएसएस के बीस से ज्यादा कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है। इसके बावजूद सिद्धारमैया सरकार ने एसडीपीआई कैडरों के खिलाफ दर्ज केस वापस ले लिए। मैं सिद्धारमैया से पूछता हूं कि क्या वह एसडीपीआई को मान्यताा देते हैं? मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि हमारे 20 कार्यकर्ताओं का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। एक बार सत्ता में आने के बाद हम उनके हत्यारों को ढूंढ़ निकालेंगे…यदि वे पाताल में भी होंगे तो उन्हें ढूंढ़ कर जेल में डालेंगे।’ मालूम हो कि एसडीपीआई केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के रडार पर चल रहे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा है। भाजपा लगातार कांग्रेस पर पीएफआई का समर्थन करने का आरोप लगाती रही है। आरोपपत्र के अनुसार, पीएफआई और एसडीपीआई ने आरएसएस के सदस्यों के बीच भय का माहौल बनाने के लिए दो कार्यकर्ताओं पर हमला करने की साजिश रची थी।
Siddaramaiah govt has crossed all limits of corruption. In Karnataka, Siddaramaiah and corruption are synonyms. Siddaramaiah means corruption and corruption means Siddaramaiah. pic.twitter.com/2djhWuXmxe
— Amit Shah (@AmitShah) January 25, 2018
Visited the Chamundeshwari Temple in Mysore and took blessings of Maa Durga. pic.twitter.com/4TRAcjB8J0
— Amit Shah (@AmitShah) January 25, 2018
LIVE: Shri @AmitShah addressing Parivartana Yatre at Maharaja College Ground, Mysore, Karnataka. #ShahInMysuru https://t.co/IuZ2C3LoER
— BJP (@BJP4India) January 25, 2018
अमित शाह ने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार हिंदू त्योहारों को मनाने की अनुमति दी जबकि कुछ दूसरे समुदाय को तुरंत ही इसकी मंजूरी दे दी जाती है। मालूम हो कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा की कर्नाटक इकाई राज्य भर में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। पार्टी अध्यक्ष की जनसभा इसी का हिस्सा थी। उनकी रैली ऐसे समय हुई जब महादायी नदी के पानी बंटवारे को लेकर विभिन्न संगठनों ने कर्नाटक बंद का आह्वान किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 फरवरी को बेंगलुरु में रैली को संबोधित करने वाले हैं। कन्नड़ समर्थक संगठनों ने उसी दिन बंद का आह्वान किया है। भाजपा ने इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस आपातकाल के दौरान जैसा व्यवहार कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान राज्य सरकार पार्टी समर्थकों को रोकने के लिए पुलिस तैनात करने जा रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने सिद्धारमैया और भ्रष्टाचार को एक ही सिक्के के दो पहलू करार दिया। भाजपा अध्यक्ष ने सिद्धारमैया द्वारा 70 लाख रुपये की घड़ी पहनने पर भी ताना मारा। मालूम हो कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में तीन बड़ी पार्टियां मैदान में हैं। कांग्रेस, भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर)। विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस को सीएम के गृह क्षेत्र मैसूर के स्थानीय निकाय के चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है।