राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी एक ट्वीट के बाद सोशल मीडिया में चर्चा में हैं। दरअसल उन्होंने मंगलवार (18 अगस्त, 2020) को एक खबर का लिंक शेयर करते हुए कहा, ‘मैंने उन 11 कारणों को देखा जिनकी वजह से चीन युद्ध की स्थिति में भारत से हार जाएगा।’ ट्वीट के साथ स्वामी ने एक खबर का लिंक भी शेयर किया है जिसमें उन 11 कारणों को बताया गया है।

शेयर की गई खबर के अनुसार भारतीय वायु सेना की तैयारी बेहतर है। नई दिल्ली के पास करीब 270 लड़ाकू विमान और 68 जमीनी हमला करने वाला विमान हैं। भारत ने चीनी सीमा के पास छोटे-छोटे एयर बेस की श्रृंखला भी बना रखी है। यहां वो विमानों को उतार और उड़ान भी भरवा सकता है। चीन के पास 157 लड़ाकू विमान हैं और क्षेत्र में जमीनी हमले के लिए ड्रोन का एक छोटा बेड़ा भी है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) क्षेत्र में आठ ठिकानों का इस्तेमाल करती है मगर उनमें से अधिकांश चुनौतीपूर्ण ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हैं।

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खबर में आगे कहा गया कि मिराज 2000 और सुखोई जेट्स के साथ भारतीय वायु सेना की क्षेत्र में गुणात्मक बढ़त है। यहां चीन जे-10, जे-11 और सु-27 लड़ाकू विमान को रखता है। भारत और चीन के बीच युद्ध की स्थिति में अमेरिकी इंटेलीजेंस और सर्विलांस युद्ध के मैदान में भारत की मदद कर सकती हैं। भारत के अमेरिका, जापान, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने को भी 11 कारणों में से एक बताया गया है।

इधर भाजपा नेता के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ट्विटर यूजर अमीन @Ameen50015535 लिखते हैं, ‘क्या हो अगर दो मोर्चो पर ऐसा हो जाए, इसकी संभावना भी है। पाकिस्तान परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकता है। चीन के साथ युद्ध के दौरान आंतरिक प्रबंधन की भी आवश्यकता होगी।’ किरण @kiran37409263 लिखते हैं, ‘परमाणु संपन्न देश होने के चलते 57 इस्लामिक देशों पर पाकिस्तान की अच्छी पकड़ है और ऐसे में बहुत कम उम्मीद है कि इस्लामी देश चीन के खिलाफ जाएंगे।’

इसी तरह एक यूजर @VibhumSingh8 लिखते हैं, ‘अगर नेपाल ने चीन का साथ दिया तो चीन और नेपाल की संयुक्त सेना के पास हमसे बेहतर तकनीक है। पर्वतीय क्षेत्रों में नेपाली गोरखा सैनिक बहुत निपुण हैं। ये घातक संयोजन हो सकता है।’ रघुबीर सिंह @RaghuPune लिखते हैं, ‘चीन गलवान घाटी में पहले ही स्वाद चख चुका है और हमारे सैनिक एलओसी पर खड़े हैं।’ एक यूजर @StayHumanIndia लिखते हैं, ‘युद्ध के मामले में चीन के खिलाफ भारत की बड़ी बढ़त होगी। दो अमेरिकी अध्ययनों ने चीनी सैन्य श्रेष्ठता के मिथक का भंडाफोड़ किया है।’