तेलंगाना में भाजपा विधायक टी राजा सिंह लोध ने गुरुवार (20 जून) को आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें तब हमला करके घायल कर दिया जब वह स्वाधीनता सेनानी रानी अवंति बाई की एक पुरानी प्रतिमा के स्थान पर एक नई प्रतिमा लगाने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है। पुलिस ने बताया कि बुधवार (19 जून) देर रात करीब दो बजे राजा सिंह अपने 200 समर्थकों  के साथ जुमेरात बाजार क्षेत्र पहुंचे और बिना किसी अनुमति के और कानून का उल्लंघन करते हुए 20 फुट की प्रतिमा लगाने लगे। यह प्रतिमा पुरानी प्रतिमा के स्थान पर लगाई जा रही थी।

पुलिस ने घटना का जारी किया वीडियोः राजा सिंह ने कहा कि पुलिस ने लाठी चार्ज करने के बाद उन पर ‘हमला’ किया जिससे उन्हें सिर पर ‘गंभीर’चोट आई और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। पुलिस ने इस आरोप से इंकार करते हुये कहा कि उन्हें ये चोटें खुद ही लगा ली हैं और उनके खिलाफ उपद्रव करने का मामला दर्ज कर लिया है। शहर के गोशामहल क्षेत्र से राज्य विधानसभा में भाजपा के एकमात्र विधायक सिंह के आरोपों को नकारते हुये पुलिस उपायुक्त (पश्चिम क्षेत्र) आर श्रीनिवास ने कहा कि उनका यह दावा पूरी तरह गलत है कि पुलिस ने उन पर हमला किया। पुलिस ने इस घटना का एक वीडियो भी जारी किया है।
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पुलिस द्वारा पिटाई का कोई साक्ष्य नहींः श्रीनिवास ने कहा कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि सिंह ने खुद ही एक पत्थर सिर में मार लिया और संभवत: इसी कारण उनको चोट आई है। इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि पुलिस ने उनकी पिटाई की है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि रामगढ़ राज्य के शासक विक्रमादित्य सिंह की पत्नी और योद्धा रानी अवंति बाई ने 4000 लोगों की सेना बनाई और इनका खुद नेतृत्व करते हुये ब्रिटिश शासकों से 1857 में लोहा लिया था।