मध्य प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष के पद को लेकर सियासी गलियारों में हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी ने भी चुनाव में उतरने के संकेत दे दिए हैं। सोमवार को सत्ता परिवर्तन के बाद विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अध्यक्ष पद पर चुनाव को लेकर संकेत देते हुए कहा, ‘पार्टी में इस पर विचार हो रहा है। सोमवार को सुबह प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह बैठकर इस विषय पर निर्णय लेंगे।’

‘…तो उसी दिन सरकार बना लेते’: वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की तरफ से भाजपा पर लगे हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों पर पलटवार करते हुए विजयवर्गीय ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह की बातों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। वे राजनीतिक प्रदूषण फैलाते रहते हैं। इसलिए हम उनकी बातों की चिंता नहीं करते हैं। हॉर्स ट्रेडिंग करनी होती तो उसी दिन सरकार बना लेते हैं।’ शिवराज सिंह की भूमिका को लेकर विजयवर्गीय ने कहा कि वे प्रदेश के बड़े और सक्रिय नेता हैं और बड़े नेता की तरह कार्य करते रहेंगे।

मिश्रा-भार्गव पर लगे थे आरोपः मध्य प्रदेश में कांग्रेस को आशंका है कि सरकार बनाने में उसके साथ रहे कुछ विधायक विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। इसी आशंका के मद्देनजर दिग्विजय ऐसे सभी विधायकों के लगातार संपर्क में हैं। इसी घटनाक्रम के बीच दो निर्दलीय विधायकों केदार डाबर और विक्रम सिंह राणा को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। शनिवार को देर रात तक दोनों से कांग्रेस संपर्क नहीं कर पाई। दिग्विजय ने शिवराज सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था।