मध्‍य प्रदेश में इंदौर से भारतीय जनता पार्टी विधायक आकाश विजयवर्गीय पर पार्टी कोई कार्रवाई करेगी, इस बारे में अभी संदेह बना हुआ है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में सांसदों से कहा कि ऐसे (आकाश जैसे) लोगों को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए, चाहे वह किसी का भी बेटा हो। पर, आकाश को निकालना तो दूर, नोटिस भी भेजा जाएगा या नहीं, इस बारे में पार्टी कुछ नहीं बोल रही है।

पीएम के कहने के बावजूद आकाश विजयवर्गीय का मामला बीजेपी की अनुशासन समिति तक नहीं पहुंचा है। ऐसे में कार्रवाई का सवाल ही कहां है? प्रदेश भाजपा की तीन सदस्यीय अनुशासन समिति है। इसके संयोजक और पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं बाबूसिंह रघुवंशी। उनका कहना है कि मामला आएगा तो पार्टी के नियम-कायदों के मुताबिक सुनवाई करेंगे। बकौल रघुवंशी, प्रक्रिया यह है कि आम तौर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के अनुशासनात्मक मामलों में संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हैं। नोटिस का जवाब आने के बाद मामला अनुशासन समिति के पास आता है।

इससे पहले मध्‍य प्रदेश के बीजेपी केअध्‍यक्ष राकेश सिंह से 4 जुलाई को राज्‍य की राजधानी भोपाल में पत्रकारों ने पूछा- आकाश विजयवर्गीय का क्‍या होगा सर? सवाल खत्‍म होते ही वह बोलने लगे- छह जुलाई से भारतीय जनता पार्टी का सदस्‍यता अभियान शुरू होने जा रहा है। मध्‍य प्रदेश में मैं इसकी तैयारी देखने के लिए आया हूं। शाम को दिल्‍ली लौट जाऊंगा। इतना कह कर वह निकल गए। पत्रकार सवाल लेकर चिल्‍लाते रहे।

बता दें कि आाकाश बीजेपी के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। वह पहली बार विधायक बने हैं। उन्‍होंने हाल में बैट लेकर नगर निगम के एक अधिकारी की पिटाई की थी। मामला तूल पकड़ा तो वह जेल भी भेजे गए। लेकिन, जब बेल पर निकले तो फूल-मालाओं से उनका स्‍वागत हुआ। भाजपाई उन्‍हें शेर बताने लगे और उनके समर्थन में जुलूस तक निकाले गए।

बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने दिल्‍ली में संसदीय बैठक में इस स्‍वागत पर भी नाराजगी जताई और कहा- ये कैसा पराक्रम किया है कि इस तरह स्‍वागत हो रहा है। प्रधानमंत्री के कथित बयान के बाद से आकाश सार्वजनिक रूप से ज्‍यादा नहीं देखे जा रहे हैं। उनके पिता ने कहा है कि पीएम के बयान से आकाश को ऊर्जा मिलेगी। इससे पहले उन्‍होंने अपने बेटे को ‘कच्‍चा खिलाड़ी’ बताया था।