बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार उनकी दया पर चल रही है। सिर्फ एक छींक जितनी देरी में बीजेपी सत्ता पर कब्जा कर सकती है। हमें सिर्फ ‘बॉस’ के इशारे का इंतजार है।

दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर लगाया था खरीद-फरोख्त का आरोप : कैलाश विजयवर्गीय का यह बयान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के उस दावे के 2 दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए बीजेपी ने एक कांग्रेस विधायक को 100 करोड़ रुपए देने की पेशकश की है। इसके बाद बीजेपी ने दिग्विजय से आरोप सिद्ध करने के लिए कहा था।

15 साल राज करने के बाद हारी बीजेपी : विजयवर्गीय ने कहा कि अगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चाहे तो उनकी पार्टी मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी कर सकती है। बता दें कि मध्य प्रदेश की सत्ता पर बीजेपी ने करीब 15 साल शासन किया। इसके बाद पार्टी नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में हार गई थी।

इंदौर में बोले विजयवर्गीय : इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘कमलनाथ के नेतृत्व वाली यह कैसी सरकार है? यह सरकार सिर्फ हमारी दया पर चल रही है। जिस दिन भी बॉस इशारा कर देंगे, फिर…’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चुनाव में कांग्रेस के मायाजाल के कारण वोट इधर-उधर बंट गए, लेकिन हमें निराश होने की जरूरत नहीं है।’’

कभी भी हमारे हाथों में आ सकता है राज्य : विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘राज्य हमारे हाथों में चला गया था, लेकिन यह कभी भी हमारे पास लौट सकता है। जिस दिन दिल्ली के लोगों (पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व) ने छींक मार दी। हम प्रदेश में अपनी सरकार बना लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल में हम दुर्व्यवहार करना भूल गए थे। जब प्रदेश में हमारी सरकार थी तो अधिकारी सिर्फ एक फोन कॉल पर काम करते थे। हम ऐसे काम नहीं करने वाले अधिकारियों की पूजा नहीं करते हैं।

कांग्रेस ने कहा- जनाधार का अपमान कर रही BJP : कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, ‘‘विजयवर्गीय के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि कमलनाथ सरकार गिराने के लिए बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त करने में लगी है। बीजेपी खुलेआम जनाधार का अपमान कर रही है।’’ शुक्ला ने आरोप लगाया कि अपने बयान के माध्यम से विजयवर्गीय प्रदेश सरकार के अधिकारियों को डरा रहे हैं। साथ ही, बीजेपी नेता अपने गैरकानूनी काम कराने के लिए अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं।