उत्तराखंड में इस बार का चुनाव 2017 की तरह कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के इर्द-गिर्द ही होगा और चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम हरीश रावत होगा। राजनीति के जानकारों का मानना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव से चार-पांच महीने पहले देहरादून में जनसभा में चुनावी मुद्दे एक रणनीति के तहत तय किए हैं, जिससे पार पाना कांग्रेस के बस का नहीं है
राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक अवनीत कुमार घिल्डियाल का कहना है कि अमित शाह ने अपने भाषण में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तराखंड में मुसलिम तुष्टिकरण की जो बयार चली थी, उसे मुख्य मुद्दा बनाकर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है।
जिस तरह से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संयोजक श्री महंत हरि गिरि महाराज ने अमित शाह के उत्तराखंड दौरे से एक महीने पहले ही छड़ी यात्रा के नाम पर उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही है मुसलिम आबादी को मुद्दा बनाया और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के नागा संन्यासी छड़ी यात्रा को लेकर पूरे उत्तराखंड में हो रहे पलायन और मुसलिमों के सीमांत क्षेत्रों में बसने को लेकर प्रचार कर रहे हैं और उसे मुद्दा बना रहे हैं, उनके इस मुद्दे को अमित शाह ने उत्तराखंड में मुसलिम तुष्टिकरण का मुद्दा उठाकर आगे बढ़ाने का काम किया है।
अमित शाह ने हरीश रावत और कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि जब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी करने और मुसलमानों को राष्ट्रीय राजमार्ग खाली कराकर नमाज अदा करने की छूट दी थी और उनके राज में भ्रष्टाचार हुआ था।
हरीश रावत को कांग्रेस आलाकमान ने पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद और पंजाब के प्रभारी पद से मुक्त किया। भले ही हरीश रावत उत्तराखंड में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हैं परंतु उसका नुकसान कांग्रेस को मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के कारण उठाना पड़ रहा है। रावत जितने कांग्रेस में मजबूत होंगे उतना ही कांग्रेस गोत्र के भाजपा नेता विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत कांग्रेस में जाने से परहेज करेंगे और भाजपा में रहना उनकी मजबूरी होगी। इसलिए हरीश रावत का भय दिखाकर अमित शाह ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। अमित शाह ने कांग्रेस में उनके विरोधियों को उकसाने का काम किया है। साथ ही हरीश रावत के कट्टर विरोधी विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल को भाजपा के पाले में बनाए रखने का खेल भी खेला है।
देहरादून में राज्य सरकार के सहकारिता विभाग की उत्तराखंड मुख्यमंत्री घसियारी योजना और कृषि विभाग की एक योजना का लोकार्पण करके अमित शाह ने राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं तथा किसानों को साधने का काम किया।देहरादून में राज्य सरकार के सहकारिता विभाग की उत्तराखंड मुख्यमंत्री घसियारी योजना और कृषि विभाग की एक योजना का लोकार्पण करके अमित शाह ने राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं तथा किसानों को साधने का काम किया।
इस तरह अपने एक दिन के दौरे में विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने भाजपा का रोडमैप तैयार कर दिया। साथ ही उन्होंने युवाओं को आकर्षित करने के लिए कहा कि उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राज्य की जनता एक मौका और दे। धामी अच्छा काम कर रहे हैं यह कहकर उन्होंने मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाई और उनका मनोबल बढ़ाया।