मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय की एंट्री से एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। दरअसल, जहां मंदिर में सभी वीआईपी और आम श्रद्धालुओं की एंट्री पर पाबंदी थी, वहीं ऐसे में बीजेपी नेता विजयवर्गीय के लिए अलग इंतजाम को लेकर नेता की जमकर आलोचना हो रही है। मामले में तूल ने तब पकड़ लिया जब मंदिर के पुजारियों का विरोध करते हुए एक वीडियो वायरल हो गया। दरअसल, बीजेपी नेता की एंट्री के चलते मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए गए थे और पुजारियों को भी दाखिल नहीं होने दिया गया।

मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक बीजेपी नेता शुक्रवार सुबह महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे और उनके आते ही मंदिर प्रशासन ने सभी दरवाजे बंद कर दिए। यहां तक बताया जा रहा है कि इस दौरान सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिए गए थे। यही नहीं, सुबह के करीब 4 बजे भस्म आरती करने जब मुख्य पुजारी अजय और दूसरे पुजारी गेट नंबर चार पर पहुंचे तो उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया गया। हालांकि, कुछ देर बाद पुजारियों को अंदर जाने दिया गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुजारियों को यह कहते हुए सुना जा सकता है,’ कैलाश जी, मेंदोला जी पुजारियों को आपके कारण नीचे आने नहीं दिया जा रहा है, क्या आप इस बारे में कुछ कहेंगे।’


इस दौरान बीजेपी नेता मीडिया से बचकर निकलते दिखाई दे रहे हैं। पुजारियों ने कैलाश विजयवर्गीय के साथ आकाश और रमेश मेंदोला को देखा तो वे और नाराज हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिकायत करने की बात कही है।

गौरतलब है कि महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान सभी वीआईपी और आम श्रद्धालु की एंट्री पर पाबंदी थी। मुख्‍य पुजारी ने बताया कि बीजेपी नेताओं की एंट्री के चलते भस्‍म आरती करीब आठ घंटे लेट हुई, पुजारियों द्वारा पास भी दिखा दिया गया लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया था।