Sharad Pawar Praises Nitish Kumar: बिहार में भाजपा से अलग होकर जनता दल यू ने राजद से गठबंधन कर लिया। इससे बिहार की राजनीति, भाजपा के जदयू के संबंधों को लेकर कई तरह के बयान आने लगे हैं। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार गिरने के बाद बिहार में यह बदलाव हुआ है। इसको लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को भाजपा पर अपने क्षेत्रीय सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया।

महाराष्ट्र में पुणे जिले के बारामती में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने दावा किया कि भाजपा यह योजना बना रही थी कि शिवसेना को कैसे कमजोर किया जाए और उसने पार्टी में फूट डाल दी। उन्होंने बुधवार को दावा किया कि “भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हाल में अपने संबोधन में कहा था कि क्षेत्रीय दलों का कोई भविष्य नहीं है और उनका अस्तित्व नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि देश में केवल उनकी पार्टी रहेगी।”

राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस बयान से एक बात तो स्पष्ट है कि भाजपा अपने सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म कर रही है, जो नीतीश कुमार की भी शिकायत है।’’ एक उदाहरण देते हुए पवार ने कहा कि अकाली दल जैसी पार्टी उनके (भाजपा) साथ थी। उन्होंने कहा, ‘‘उसके नेता प्रकाश सिंह बादल भाजपा के साथ थे, लेकिन आज पार्टी पंजाब में लगभग खत्म हो गई है।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा कई वर्षों तक साथ रहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भाजपा यह योजना बना रही है कि शिवसेना में फूट डालकर उसे कैसे कमजोर किया जा सकता है और (महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री) एकनाथ शिंदे व अन्य ने इसमें मदद की है।’’ राकांपा नेता ने कहा कि ऐसा करने में शिवसेना पर उस पार्टी ने वार किया जो कभी उसकी सहयोगी थी। उन्होंने बताया कि बिहार में भी ऐसी स्थिति बनती दिख रही थी। जदयू के नीतीश कुमार और भाजपा ने पिछला विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था।

भाजपा चुनाव के वक्त हाथ मिलाती है, लेकिन चुनाव में सीट नहीं बढ़ने देती

पवार ने दावा किया, ‘‘भाजपा की एक और खासियत है कि वह चुनावों के वक्त क्षेत्रीय दल से हाथ मिलाती है लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सहयोगी दल कम सीटें जीते। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ।’’उन्होंने कहा कि जब बिहार में भी ऐसी ही तस्वीर बनती दिखी तो राज्य के मुख्यमंत्री पहले ही सतर्क हो गए और उन्होंने भाजपा से संबंध तोड़ने का फैसला ले लिया।

पवार ने कहा, ‘‘चाहे भाजपा नेता नीतीश कुमार की कितनी भी आलोचना करे लेकिन उन्होंने विवेकपूर्ण फैसला किया है। उन्होंने भाजपा द्वारा पैदा किए जा रहे संकट को भांपते हुए यह फैसला लिया। मुझे लगता है कि उन्होंने अपने राज्य तथा पार्टी के लिए बुद्धिमानी भरा निर्णय लिया।’’