यूपी की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव होंगे और नतीजे 26 जून हो आएंगे। ऐसे में समाजवादी पार्टी और भाजपा की तरफ से चुनावी रैलियों में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। 19 जून को सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में पार्टी के प्रत्याशी दिनेश लाल यादव के समर्थन में चुनावी रैली की।
इस मौके पर अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा कि सपा सरकार ने आजमगढ़ को आतंकवाद का गढ़ बना दिया था। उन्होंने कहा कि पहले यहां के नौजवानों को बाहर जाने पर होटल का कमरा तक नहीं मिलता था। योगी ने सपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की प्रवृत्ति ही धोखा देने की है। चाहे वह प्रदेश को धोखा देने की हो, चाहे आजमगढ़ को। ये सबको धोखा देंगे।
सीएम योगी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इरशाद आलम(@IrshadNew) ने लिखा, “महंगाई पर बात करो, पेट्रोल की लूटमार पे बात करो, बेरोज़गारी पे बात करो, फालतू की कथा कोई नहीं सुनेगा।”
गुलाब यादव ने चुनाव आयोग को टैग करते हुए लिखा, “मुझे समझ में नहीं आता है कि आतंकवाद को चुनाव से दूर रखना चाहिए। पहले आतंकवाद देश के लिए सुरक्षा का विषय होता था लेकिन पार्टियों ने इसे चुनाव का विषय बनाकर जहर घोल दिया है। आजमगढ़ को आतंकवाद का गढ़ कहना वो भी चुनाव में न्याय संगत नहीं है। कृपया चुनाव आयोग संज्ञान ले।”
जय नाम के यूजर ने लिखा, “गजब है। 8 साल से केंद्र में बीजेपी, 5 से साल ज्यादा यूपी में बीजेपी लेकिन आज भी यही बोलना पड़ा रहा है। 8 सालों में आतंकवाद के गढ़ से कितने आतंकी पकड़े? यहां से कितना आतंक फैला?” वहीं एक और यूजर ने लिखा, “बस करो, अब कोई बेवकूफ नहीं बनेगा, तुम्हें उत्तराखंड भेजेंगे इस बार।”
गौरतलब है कि आजमगढ़ मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव का गढ़ माना जाता है। 2022 के विधानसभा चुनाव मेंं भाजपा की लहर के बावजूद आजमगढ़ मेंं सभी दस विधायक सपा के जीते हैं। 2024 लोकसभा चुानव से पहले आजमगढ़ का उप-चुनाव सपा और भाजपा के सम्मान से जुड़ा हुआ है।