हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए कानून व्यवस्था गंभीर चुनौती बनती जा रही है। सरकार लगातार विपक्ष व जनता के कठघरे में खड़ी होती दिख रही है। पर्यटन के नाम पर पंजाब के श्रद्धालुओं का प्रदेश की सड़कों पर उत्पात हर किसी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। हर साल होली के आसपास पंजाब के हजारों हजार बाइकर कानून को ठेंगा दिखाते हुए यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रदेश की सड़कों पर फर्राटे भरते हैं। हिमाचल प्रदेश की पुलिस इनके आगे लाचार सी दिखती है।
एक ही सप्ताह में कई जगहों पर इन बाइकरों ने उत्पात मचाया है। उना में पुलिस कर्मियों को ही पीट डाला तो हमीरपुर में लोगों की पिटाई कर दी। कुल्लू व मणीकर्ण में कई लोगों के सिर फोड़ दिए। ये बाइकर बिना किसी हेलमेट के सिर पर कपड़ा बांध कर तीन तीन सवार होकर बिना नंबर प्लेट लगाए, बाइक के साईलेंसर खोल कर हर दर्जे की तेज गति के साथ दर्जनों के समूहों पर एक साथ निकलते हैं।
पूर्व कांग्रेसी विधायक बंबर ठाकुर सरेआम गोलियों से छलनी
चौबीसों घंटे ये सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं। इनके लिए नियम कायदे सब ताक पर हैं, पुलिस देखती रह जाती है और ये निकल जाते हैं, कहीं रोक लिए जाएं तो ये झगड़ा मारपीट करते हैं। प्रदेश की सड़कों पर आजकल इनका उत्पात खुलेआम चल रहा है, एक तरह से कानून व्यवस्था का नंगा नाच चल रहा है मगर कोई भी पूछने वाला नहीं। प्रशासन, सरकार व पुलिस सब बेबस हालत में दिखते हैं। लोगों का कहना है कि यह कैसा पर्यटन है। श्रद्धालु हैं तो श्रद्धालु की तरह आएं, स्वागत है, हिमाचल की शांत वादियों में लोग भी शांतिप्रिय हैं किसी से झगड़ा नहीं करते मगर यहां तो उल्टा ही खेल चल रहा है। सब तहस नहस हो गया है। आम आदमी का सड़क पर चलना वाहन चलाना दुभर हो गया है।
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बाइकरों के इस आतंक के बीच बिलासपुर सदर के पूर्व कांग्रेसी विधायक बंबर ठाकुर को सरेआम गोलियों से छलनी कर देने से पूरा हिमाचल हिल गया है। होली के दिन बंबर ठाकुर की पत्नी जो स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं के बिलासपुर स्थित सरकारी आवास पर दोपहर को चार युवक आराम से आए और बंबर ठाकुर व उनके साथ बैठे लोगों पर तड़ातड़ गोलियां बरसा दीं। मुकाबला करने उतरे उनके सुरक्षा कर्मी को भी गोलियां लगीं और एक अन्य व्यक्ति भी गोली के छर्रे से घायल हो गया। यह कोई छोटी वारदात प्रदेश के लिए नहीं है।
हरियाणा के बताए जा रहे हैं आरोपी
ऐसी घटना से सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल तो उठेंगे ही। इस गोलीकांड से पुलिस प्रशासन व सरकार की चूलें हिल गई हैं। आईजी मंडी मध्य जोन सौम्या सांबशिवन की अध्यक्षता में प्रदेश पुलिस प्रमुख अतुल वर्मा ने एसआइटी का गठन कर दिया है। पुलिस के अनुसार चारों युवक जो हरियाणा के पानीपत के रहने वाले बताए जा रहे हैं एक बोलेरो में बंबर ठाकुर के आवास पर आए और उन्होंने कई राउंड गोलियां दाग दीं। अभी तक भी इस गोलीकांड के चार शूटरों में से तीन को पकड़ा नहीं जा सका है।
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दस दिन बाद भी बिलासपुर गोलीकांड के सभी आरोपी अभी पकड़ में आ नहीं पाए कि दो बाइकरों ने मंडी के पास हाईवे पर 21-22 मार्च की आधी रात को एक ढाबा मालिक पर गोली चला दी, उसे बुरी तरह से घायल कर दिया और नकदी, एलईडी टीवी सीसीटीवी कैमरे के उपकरण भी उठा ले गए।
राज्यपाल ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर खड़े किए सवाल
अब तो प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था खत्म हो गई है। इस प्रकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से ध्वस्त हो चुकी है। सुक्खू सरकार कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर गंभीर ही नहीं है। जिसके कारण बिलासपुर में गोलीकांड जैसी घटना सामने आई है। यह पहली बार नहीं है जब बिलासपुर में इस तरीके से दिन दहाड़े रहने गोलियां चलाई गई हो। इसके पहले भी इसी तरीके की घटना हुई जिसमें पुलिस द्वारा कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
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यदि पुलिस द्वारा समय रहते सख्त कार्रवाई की गई होती दोनों बार की गोलीबारी की घटनाएं सामने नहीं आती और प्रदेश में इस तरह की आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगती। इस मामले में सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करे जिससे प्रदेश में अपराधिक तत्वों पर लगाम लग सके। इस मामले की गंभीरता से जांच हो और इस प्रकरण में दोषी समस्त अपराधियों पर कानून के तहत कार्रवाई हो। इस घटना के पीछे के कारण और इसके साजिश की पूरी कहानी सामने आनी चाहिए। अपराधियों पर सख्त सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे फिर कोई ऐसा दुस्साहस न कर सके।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और प्रदेश अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। कांग्रेस सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए भाजपा नेताओं पर झूठे आरोप लगा रही है, जबकि असलियत यह है कि सरकार के संरक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं।