बिहार के मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन (पप्पू यादव) संसद में भड़क गए। पप्पू यादव संसद में बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था का मामला उठा रहे थे। जिसमें कुछ हत्याएं भी शामिल हैं। इसके लिए पप्पू यादव ने कुछ नेताओं को दोषी ठहराया। पप्पू यादव अपने साथ कई फाइलें लिए हुए थे। इसके साथ ही अपने मुद्दे से संबंधित बिहार की घटनाओं पर समाचार पत्रों में छपी की रिपोर्ट्स भी लाए थे।
संसद में स्पीकर ने अगले वक्ता का नाम पुकारा, तो उसका माइक बंद हो गया। हालाकिं इसके बाद वह चिल्लाकर बोलने लगे। इससे परेशान हो उन्होंने अपने साथ लाए हुए कागजों को फेंकना शुरू कर दिया। पप्पू यादव के फेंके गए कागज आगे की लाइन में बैठे सांसद मुलायम सिंह, कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कुछ अन्य संसद सदस्यों पर गिरे। इसके बाद माइक बंद होने से भड़के पप्पू यादव ने चश्मा भी फेंक दिया, जो जय प्रकाश नारायण की टेबल पर गिरा। इसके बाद पप्पू यादव अपना चश्मा लेने गए और उनकी तरफ मुस्कुरा कर वापस आ गए।
बता दें कि, एक हफ्ते पहले पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी ने राज्य के कथित बिगड़ हालात पर प्रदेश में मार्च निकाला था। जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटना में नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। राजभवन की तरफ बढ़ रहे जब कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी चलाने पड़े थे। वहीं पप्पू यादव ने ट्वीट किया था कि, ‘मैं CM नीतीश जी, उपमुख्यमंत्री मोदी जी, PM मोदी साहब, BJP अध्यक्ष अमित शाह जी से पूछना चाहता हूं कि युवा उद्यमी गुंजन खेमका की हत्या महा जंगल राज है या, महा मंगल राज? गुंजन को सुरक्षा क्यों नहीं मिली थी? जब JDU MLA रंगदारी मांगता है तो CM आवास में बैठ अपराधी मध्यस्थता करता है। यह क्या है?’