राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सूबे में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में रावण और दुर्योधन की सरकार चल रही है। यहां दुर्योधन का द्रौपदी का चीरहरण कर रहा है। रावण सीता मइया का अपहरण कर रहा है। यहां तो राक्षस राज कायम हो गया है। तेजस्वी ने जदयू और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि रावण और दुर्योधन की मतलबी जोड़ी ने बहन-बेटियो और माताओं का अकेले बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है। आज अंतरात्मा गहरी नींद में सो रही है। यह तब जागेगी तब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर खतरा मंडराएगा। यह बिहारियों के हित की रक्षा लिए नहीं जागती और न हीं महिलओं को बलात्कार और अपराध से बचाने के लिए जागती है।

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह में यौन शोषण मामले को लेकर उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वहां अर्बाशन से संबंधित कई तरह के ड्रग और सामान का उपयोग हो रहा था। लेकिन अभी भी मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर को सरकार बचाने का काम कर रही है। आखिर ठाकुर को कब गिरफ्तार किया जाएगा? कब तक राज्य में नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार किया जाएगा? नीतीश कुमार को पलटू चाचा कहते हुए उन्होंने कहा कि अब बिहार की महिलाएं पलटू चाचा काे माफ करने के मूड में नहीं है। राज्य में अब उन्हें घर से बाहर निकलने में डर लगता है। असुरक्षित माहौल बन गया है।

तेजस्वी यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश जी ने शासन का एनजीओ मॉडल निकाला है जिसमें खुल कर भ्रष्टाचार हो रहा है। वर्चस्ववादी समूहों व सत्ता के करीबियों को ठेके और रेवड़ियां बांटी जाती हैं। बदले में ये सुशासनी सिस्टम के चूहे पूरी निर्भयता से वसूली करते हैं और जदयू को काली कमाई से फंड भी देते हैं। जदयू-भाजपा के एनजीओ मॉडल के कारण खूब धड़ल्ले से नए-नए घोटालों का पर्दाफाश हो रहा है पर नीतीश कुमार और सुशील मोदी को इससे कोई गुरेज नहीं है। बच्चियों के शोषण और इन काले ठेकों से हुई काली कमाई का बड़ा हिस्सा फंड के रूप में इन पार्टियों को मिलता है।

राजद नेता ने कहा कि अगर सृजन कांड भाजपा जदयु और एक भाई भतीजावाद वाली एनजीओ की मिलीभगत से हुआ तो मुजफ्फरपुर, सारण, बांका, दरभंगा, गोपालगंज व राज्य भर के बालिका व अल्पावास गृहों में हो रहे यौन शोषण कांड भी सरकार, भाजपा जदयु के नेताओं और एनजीओ की निरंकुशता से हुए। मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड बालिका शोषण का इकलौता नहीं है। बांका, सारण, दरभंगा, गोपालगंज, हाजीपुर के अल्पावास गृहों से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं। सरकार की चिंता न्याय नहीं, अपराधियों का बचाव है। नीतीश जी की चुप्पी आपराधिक है। यदि सही से आश्रयगृह और रिमांड होम पर लगे आरोप की जांच की जाए तो जदयू व राजद के आधे नेता राजनीतिक रूप से समाप्त हो जाएंगे और और सलाखों के पीछे होंगे। हर बिहारी इस सच्चाई को जानता है।