बिहार विधान परिषद के लिए नए 11 एमएलसी का चुनाव संपन्न हो गया है। इन 11 एमएलसी में से नौ करोड़पति हैं। जबकि 45% एमएलसी के खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हैं। ये आंकड़ा शुक्रवार (27 अप्रैल) को एसोसिएशन आॅफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा निर्वाचित सभी सदस्यों में सबसे ज्यादा अमीर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी हैं। उनकी कुल संपत्ति 17.92 करोड़ रुपए घोषित की गई है। राबड़ी देवी पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी हैं। राबड़ी देवी नव निवार्चित विधान परिषद सदस्यों में अकेली महिला हैं। राबड़ी देवी के बाद अमीर एमएलसी की लिस्ट में दूसरा नाम रामेश्वर महतो का आता है। महतो ने अपनी कुल संपत्ति 15.21 करोड़ घोषित की है।

क्‍या हैं आंकड़ों का आधार : एडीआर और बिहार इलेक्शन वॉच (बीईडब्ल्यू) के राज्य प्रभारी राजीव कुमार का कहना है कि ये रिपोर्ट बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के सीईओ के पास प्रत्याशियों के द्वारा दाखिल किए गए हलफनामों पर आधारित है। इन आंकड़ों को भली नीयत से और जनता और राज्य के मतदाताओं के हित के लिए सामने रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दो विधान परिषद सदस्यों के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

सभी पर लगे हैं आरोप : मुख्यमंत्री नी​तीश कुमार के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला चल रहा है। नीतीश कुमार और सुशील मोदी के अलावा, राबड़ी देवी (राजद), रामचन्द्र पूर्वे (राजद) और संतोष कुमार सुमन (हम-सेक्युलर) के खिलाफ ​आपराधिक मामले चल रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि राजद के तीन एमएलसी की औसत संपत्ति 10.07 करोड़ रुपए है। जबकि तीन जदयू एमएलसी की औसत संपत्ति 7.34 करोड़ रुपए है। तीन भाजपा एमएलसी की संपत्ति का औसत 1.95 करोड़ रुपए है।

ये हैं शैक्षणिक योग्यता: दो विधान परिषद सदस्यों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा पांच और कक्षा 12 घोषित की है जबकि नौ एमएलसी ने खुद को ग्रैजुएट या अधिक शिक्षित घोषित किया है। चार एमएलसी ने अपनी आयु 41 वर्ष से 50 वर्ष के बीच में घोषित की है। ज​बकि दो एमएलसी 51—60 वर्ष की आयु में हैं। बाकी सभी 61 से 80 वर्ष की आयु के बीच हैं।

यहां है द्विसदनीय व्यवस्था: बिहार भारत के उन सात राज्यों में से एक है जहां द्विसदनीय व्यवस्था है। इन राज्यों में विधानसभा के साथ ही विधान परिषद भी है। विधान परिषद को उच्च सदन भी कहा जाता है। उच्च सदन के सदस्यों का चुनाव विधानसभा के सदस्यों, पंचायत कमेटी के सदस्यों, शिक्षकों और स्नातकों आदि के वोटों द्वारा होता है।